नईदिल्ली ,13 मई । डीजीसीए ने एयर इंडिया के एक पायलट के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। महिला मित्र को कॉकपिट में बुलाने के मामले में सख्ती दिखाते हुए विमानन नियामक ने एयर इंडिया के पायलट को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही डीजीसीए ने सुरक्षा से जुड़े अहम मामले में सही ढंग से और प्रभावी कार्रवाई नहीं करने के आरोप में एयरलाइन पर भी 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। डीजीसीए ने कहा है कि 27 फरवरी 2023 को एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या Al-915 जो दिल्ली से दुबई जा रही थी, के पायलट ने यात्रा के दौरान अपने एक महिला मित्र को कॉकपिट में बुला लिया था। यह एक संवेदनशील मुद्दा था और सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन था।
एयर इंडिया पर शिकायत मिलने के बावजूद सख्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप
डीजीसीए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एयर इंडिया के सीईओ को घटना के संबंध में फ्लाइट के चालक दल के एक सदस्य से शिकायत मिली थी उसके बावजूद एयरलाइन ने त्वरित कार्रवाई नहीं की। उसके बाद शिकायतकर्ता ने डीजीसीए से संपर्क किया।
डीजीसीए ने कहा है कि उसने अपनी जांच के परिणाम के आधार पर निम्नलिखित कार्रवाई की है-
- विमान नियम 1937 के तहत निहित अपने अधिकार के दुरुपयोग और लागू डीजीसीए विनियमों के उल्लंघन की अनुमति देने के लिए पीआईसी के पायलट लाइसेंस को तीन महीने की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।
- उल्लंघन को रोकने में मुखर नहीं होने के लिए को-पायलट को चेतावनी दी गई है।
- एअर इंडिया को एक तय अवधि के लिए स्टाफ ऑन ड्यूटी को संगठन के प्रबंधकीय कार्यों से हटाने और प्रशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
चालक दल के सदस्यों से दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति के उड़ान पर दो साल का प्रतिबंधः सूत्र
एयर इंडिया ने 10 अप्रैल को दिल्ली-लंदन उड़ान में चालक दल की दो महिला सदस्यों को शारीरिक नुकसान पहुंचाने वाले एक व्यक्ति के उड़ान भरने पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली पुलिस ने एयर इंडिया के केबिन क्रू सुपरवाइजर की शिकायत पर पंजाब के 25 वर्षीय जसकीरत सिंह पड्डा के खिलाफ केस दर्ज किया था। सूत्र ने शुक्रवार को कहा कि घटना के संबंध में एयर इंडिया की ओर से गठित एक आंतरिक समिति ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि उक्त व्यक्ति रियायत का हकदार नहीं है। समिति ने उसे दो साल की अवधि के लिए एयरलाइन के साथ उड़ान भरने से प्रतिबंधित कर दिया। सूत्र के अनुसार व्यक्ति के व्यवहार को लेवल 3 श्रेणी के अपराध के रूप में वर्गीकृत किया गया था। एयर इंडिया की ओर से इस मामले में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
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