मरियम नवाज ने पाक के चीफ जस्टिस से कहा, पद छोड़कर सास की तरह PTI में शामिल हो जाएं

इस्लामाबाद ,12 मई  पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की मुख्य संयोजक मरियम नवाज गुरुवार को इमरान खान की गिरफ्तारी को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से चीफ जस्टिस पर भड़क गई है। मरियम ने कहा है कि आपको मुख्य न्यायाधीश का पद छोड़कर अपनी सास की तरह तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में शामिल हो जाना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, मरियम ने एक ट्वीट में यह बयान शीर्ष अदालत द्वारा इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के परिसर से इमरान खान की गिरफ्तारी को ‘अवैध’ करार देते हुए रिहा करने के आदेश के ठीक बाद दिया है।

मरियम ने ट्वीट किया, चीफ जस्टिस को आज कौमी खजाने के 60 अरब हड़प करने वाली घटना को देखकर बहुत खुशी हुई और उन्हें इस अपराधी को रिहा करने से भी ज्यादा खुशी हुई। देश की सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील संस्थाओं पर हमलों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार चीफ जस्टिस हैं, जो अशांति की ढाल बन गए हैं और देश में आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। आपको मुख्य न्यायाधीश का पद छोड़कर अपनी सास की तरह तहरीक-ए-इंसाफ में शामिल होना चाहिए।

पीएमएल-एन नेता ने सीजेपी उमर अता बंदियाल को अपने पद से इस्तीफा देने और ‘अपनी सास की तरह’ पीटीआई में शामिल होने की सलाह दी। इससे पहले गुरुवार को सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने खान को राहत प्रदान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निंदा की थी। मरियम औरंगजेब ने कहा कि एससी एक अपराधी, एक आतंकवादी, एक गैंगस्टर को राहत दे रहा है जो सशस्त्र समूहों का नेतृत्व करता है।

गुरुवार को दिन भर सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान की गिरफ्तारी की मसला में गूंजता रहा। अदालत ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली पीटीआई की याचिका पर सुनवाई शुरू की थी। लेकिन इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी करार देते हुए शहबाज शरीफ सरकार को एक घंटे में इमरान खान को अदालत में पेश करने का आदेश दिया, जिसके बाद पुलिस खान को लेकर अदालत पहुंची थीं।

इमरान को मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बायोमैट्रिक रूम से नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो के वारंट पर सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया था। खान की गिरफ्तारी राष्ट्रीय खजाने से 50 अरब रुपये लूटने और अल कादिर ट्रस्ट स्कैम में की गई थी खान की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद आईएचसी ने घोषणा की थी कि अदालत परिसर से उनकी गिरफ्तारी कानूनी रूप से की गई थी, जबकि पीटीआई ने राजनीतिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। एक दिन बाद एक भ्रष्टाचार-रोधी अदालत ने खान की आठ दिन की फिजिकल रिमांड राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को दे दी। सरकार ने भी गड़बड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए गिरफ्तारी को कानूनी बताया था।