नईदिल्ली : अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पत्नी आलिया के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। आलिया ने इंस्टाग्राम पर नवाज के नाम एक पोस्ट की, लेकिन बाद में इसे हटा लिया गया। आलिया ने लिखा है कि जिंदगी चलते रहने का नाम है।
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पत्नी आलिया सिद्दीकी अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर लंबे समय से चर्चाओं में है। अब इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई आलिया का नवाज के नाम पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया पर ही आलिया ने कहा कि उन्होंने नवाजुद्दीन के परिवार पर जो केस किए हैं, वह सभी वापस ले रही हैं। उन्हें उनसे कोई आर्थिक मदद भी नहीं चाहिए और न ही उसकी उम्मीद रखती हैं।
आलिया बेचना चाहती है अपने हिस्से का घर
आलिया ने कहा कि वह अपने हिस्से का जो घर है, उसे बेचकर वह उनकी फिल्म बनाने के दौरान लिया गया उधार चुकाना चाहती हैं। क्योंकि मेरे अंदर का इंसान किसी के साथ कोई बेईमानी करने की इजाजत नहीं देता है।
क्या लिखा आलिया ने
हैलो नवाज… नवाज ये खत तुम्हारे लिए है, मैंने कई जगह सुना और पढ़ा है कि जिंदगी चलते रहने का नाम है। हमारे बीच जो कुछ भी हुआ पिछले कुछ महीनों में, मैं उन सब चीजों को भुलाकर अपने ईश्वर पे आस्था रखकर उनकी प्रेरणा से खुद की गलतियों की माफी मांगते हुए, तुम्हारी गलतियों को माफ करते हुए आगे बढ़कर भविष्य को बेहतर आकार देने की कोशिश करूंगी। अतीत में फंस कर रह जाना किसी भी चक्रव्यूह में फंस जाने से कम नहीं होता। इसलिए इस अतीत को पीछे छोड़कर ऐसी गलतियों को फिर से न दोहराने के वादे के साथ हम बच्चों के भविष्य को एक सुनहरे प्रकाश से भरने का प्रण लेते हैं। वे अच्छे पति-पत्नी नहीं बन सके। लेकिन उम्मीद है कि अच्छे माता-पिता बन सकेंगे।
दोनों के बीच अदालत में मुकदमा विचाराधीन
बता दें कि बुढ़ाना में आलिया ने नवाजुद्दीन और उनके परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। यह मुकदमा अदालत में विचाराधीन है।
आलिया सिर्फ प्रचार पाना चाहती है : सैफुद्दीन
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के भाई सैफुद्दीन का कहना है कि जिन मुकदमों को वापस लेने की बात आलिया कर रही हैं, वह पहले ही हम जीत चुके हैं। कोई मुकदमा वापस नहीं लिया गया, यह सिर्फ प्रचार पाने का तरीका है। हमें कोई माफी नहीं चाहिए, उन्हें जो करना है करें। पहले ही हम मुकदमा जीत चुके हैं। 2012 में तलाक होने के बाद उन्होंने काफी कोशिश की है कि वह इस घर की बहू हो जाएं, लेकिन न्यायालय ने उन्हें मना कर दिया। ये हर साल हंगामा करती हैं और फिर पत्र डालती है कि हमने उन्हें माफ कर दिया। न्यायालय से बड़ा कोई नहीं है, यहां आने के बाद सारा सच सामने आ जाता है।
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