10 दिवसीय प्रांतीय घोष वर्ग के समापन पर निकला पथ संचलन
कोरबा, 08 मई : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा आयोजित दस दिवसीय प्रांतीय घोष वर्ग में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षार्थी अनेक वाद्य यंत्रों के वादन की विधा में पारंगत हुए। उन्होंने अपनी दक्षता का प्रदर्शन शिविर के अंतिम दिवस डॉ राजेंद्र प्रसाद नगर फेस वन दशहरा मैदान में किया। इसने अपनी विशेष छाप लोगों पर छोड़ी। इससे पहले महाराणा प्रताप नगर दशहरा मैदान बुधवारी से पथ संचलन निकाला गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कोरबा जिला इकाई संयोजन में प्रांतीय 10 दिवसीय घोष वर्ग का आयोजन 28 अप्रैल से किया गया जिसका समापन रविवार को कोरबा के पूर्व सीएमएचओ और गौमुखी सेवा धाम देवपहरी के संस्थापक सचिव डॉ भारत भूषण बोर्डे के मुख्य आतिथ्य में हुआ । कार्यक्रम के मंच पर सह प्रांत प्रचारक नारायण नामदेव, कोरबा विभाग संघचालक सतेंद्र दुबे और नगर संघचालक डॉ विशाल उपाध्याय उपस्थित थे। अभ्यास वर्ग में मुख्य शिक्षक की भूमिका रविक पटेल ने निभाई। वर्ग कार्यवाह शाश्वत दुबे थे।
सरस्वती विद्यालय में 10 दिनों तक प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ स्वयंसेवकों ने संघ के कार्यक्रमों में प्रयोग होने वाले नागांग, तूर्य, प्रणव, वेण, आनक, शंख पर आधारित विभिन्न रचनाओं की मनभावन और रोमांस से भरपूर प्रस्तुति दी। प्रदर्शन का यह सिलसिला अलग-अलग क्रम में 40 मिनट तक जारी रहा जिसने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शाखा से समझ सकते हैं संघ को: डॉक्टर बोर्डे
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोरबा जिले के पूर्व सीएमएचओ डॉ भारत भूषण बोर्डे ने अपने विचार रखते हुए लोगों को बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समझने के लिए निश्चित रूप से संघ की शाखाओं में आना होगा। दूसरे स्रोतों के माध्यम से आप सामान्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं लेकिन वह अपर्याप्त है। मुख्य अतिथि ने कहां कि वर्ष 1925 में संघ की स्थापना डॉक्टर बलिराम केशव हेडगेवार के द्वारा की गई थी। उस समय सामान्य रूप से शाखाओं में व्यायाम और संवाद ही हुआ करते थे। कालांतर में इसका स्वरूप बदला और नई गतिविधियों को शामिल किया गया। समाज जीवन में संघ की व्याप्ति अब काफी गहराई से हुई है और विभिन्न क्षेत्रों में इसकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होने के साथ बड़ी संख्या में लोगों का सीधा जुड़ाव हो रहा है।
50 देशों में प्रत्यक्ष काम चल रहा है संघ का: नामदेव
प्रांतीय घोष वर्ग के समापन अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में अपनी बात रखते हुए सह प्रांत प्रचारक नारायण नामदेव ने कहा कि संत महंतों के बताए रास्ते पर चलने का काम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लगातार कर रहा है। भारत के साथ दुनिया के 50 देशों में संघ का प्रत्यक्ष काम है। शाखाओं के माध्यम से समाज को सबल और समर्थ बनाने का काम किया जा रहा है। संघ से शिक्षित प्रशिक्षित होकर असंख्य लोग समाज सेवा के लिए अपना योगदान दे रहे हैं। भारत में 68000 शाखाओं के माध्यम से समाज जीवन के अलग-अलग क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। सामाजिक, धार्मिक पर्यावरण, स्वावलंबन, ग्राम विकास, सामाजिक समरसता और परिवार प्रबोधन जैसे कार्य कुशलता पूर्वक किए जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि सिमटते और टूटते परिवारों को मजबूत करने के लिए बेहतर काम किए जाएं। जन्मभूमि और कर्मभूमि के प्रति युवाओं को अपना उत्तरदायित्व बताने के लिए ऐसे काम भी किए जा रहे हैं ताकि वह अपने कर्म क्षेत्र को तीर्थ के रूप में स्वीकार करें। हमें इस बात की प्रसन्नता है कि लगातार ऐसे कार्यों का विस्तार हो रहा है और युवा वर्ग हमारे साथ कर्मठता से जुड़ रहा है। पूरे सम्मान और स्वाभिमान के साथ राष्ट्र के हित में अच्छा क्या हो सकता है और क्या किया जा सकता है, इस दिशा में भी हम अपना योगदान सुनिश्चित करेंगे।
[metaslider id="347522"]