कलेक्टर ने ग्रामीण औद्योगिक पार्क और NGGB कार्यक्रम संचालित कार्यों की समीक्षा

जगदलपुर ,06 मई । कलेक्टर दयाराम के ने 6 मई को ग्रामीण औद्योगिक पार्क और नरवा, गरुआ, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम के तहत बस्तर जिले में संचालित कार्यों की समीक्षा की। कलेक्टोरेट के आस्था कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रकाश सर्वे सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान गोबर खरीदीए खाद निर्माण और विक्रय पर जोर देते हुए कहा कि सभी गौठानों में गोबर खरीदी का कार्य अनिवार्य तौर पर हो। जिन गौठानों में वर्मी टांका की कमी हैए वहां भी गोबर खरीदी का कार्य किया जाए और दस से 12 दिनों के भीतर वर्मी टांका का निर्माण कर खाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाए।

उन्होंने अधिक से अधिक गोबर के विक्रय के लिए भी लोगों को प्रेरित करने को भी कहा, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो। उन्होंने सभी गौठानों में प्रति सप्ताह 30 क्विंटल गोबर खरीदी के लक्ष्य को पूर्ण करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने गोधन योजना को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी-कर्मचारियों को बेहतर कार्य करने की आवश्यकता भी बताई। उन्होंने इसके साथ ही गोमूत्र खरीदी की भी समीक्षा की करते हुए जीवामृत सहित गोमूत्र से तैयार विभिन्न उत्पादों के उपयोग के लिए कृषि, उद्यानिकी एवं वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया।  

कलेक्टर ने इस दौरान गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के भुगतान के संबंध में भी जानकारी ली। सॉफ्टवेयर में गलत जानकारी के कारण कुछ हितग्राहियों का भुगतान लंबित होने की जानकारी दिए जाने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए इसका अविलंब समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य की समीक्षा भी प्रति सप्ताह की जाएगी। कलेक्टर ने इसके साथ ही ग्रामीण औद्योगिक पार्कों में संचालित आर्थिक गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह शासन की अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा बदलने वाली है। उन्होंने ग्रामीण औद्योगिक पार्कों में तैयार उत्पाद की बिक्री के लिए प्रतियोगी भावना के साथ कार्य करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि जिन उत्पादों को वहां तैयार किया जाएगा, उनके कच्चे मूल्य की कुल लागत के साथ ही उसकी खपत पर भी पूरा विचार करते हुए कार्य किया जाए। उन्होंने तैयार उत्पादों की खपत के लिए खुले बाजार में मांग को बढ़ाने पर भी जोर दिया, जिससे वहां कार्य करने वालों को अधिक से अधिक मुनाफा हो। कलेक्टर ने ग्रामीण औद्योगिक पार्कों में ऐसे उत्पादों को तैयार करने पर जोर दिया, जो बस्तर की विशेष पहचान हैं। उन्होंने इसके साथ ही कच्चे माल के मुख्य अवयव के साथ ही अन्य अवयवों के प्रसंस्करण पर भी जोर दिया। कलेक्टर ने ग्रामीण औद्योगिक पार्कों में रागी, कोदो-कुटकी जैसे लघु धान्यों से भी उत्पाद तैयार करने के निर्देश दिए।

छोड़ें ताम-झाम, करें धरातल पर काम : 

बैठक में कलेक्टर विजय दयाराम के ने अधिकारियों को दिखावा और ताम.झाम के स्थान पर धरातल पर काम करने को तवज्जो देने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी सक्रिय होकर उच्च स्तर का कार्य करें। उन्होंने कहा कि नरवा, गरुआ, घुरवा, बाड़ी और ग्रामीण औद्योगिक पार्क शासन की अत्यंत महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही जैविक कृषि को बढ़ाते हुए किसानों की रासायनिक खाद पर निर्भरता को कम करने और लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने की दिशा में बढ़ाया गया कदम है। उन्होंने इन योजनाओं की भलीभांति निगरानी करने और किसी भी प्रकार की समस्या आने पर आगे आकर उनका समाधान करने की जरुरत बताई। उन्होंने कहा कि अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदारियों को एक दूसरे पर टालने की बजाए स्वयं आगे बढ़कर समस्याओं के समाधान का कार्य करें और इस योजना को सफल बनाएं।

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