IPS Dipka में संचालित समर कैंप में बच्चे सीख रहे हैं सुर, लय एवं ताल

0 इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में संचालित समर कैंप में म्यूजिक एक्टिविटी के अंतर्गत बच्चे पारंगत हो रहे संगीत की विभिन्न विधाओं से।


कोरबा, 06 मई । इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में संचालित समर कैंप मैं प्रतिभागियों को संगीत एवं वाद्य यंत्रों की निरंतर शिक्षा दी जा रही है। विद्यार्थियों को सुर ,लय ,ताल अर्थात सरगम का पाठ पढ़ाया जा रहा है, तथा विभिन्न गीतों के माध्यम से उनके सुरों में एक प्रभाव पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। वह विद्यार्थी जिनको गायन में रुचि है उनको गायन की शिक्षा दी जा रही है, तथा वह विद्यार्थी जिनको वादन में रुचि है उनको वादन की शिक्षा दी जा रही है ।

विद्यार्थी विद्यालय में विभिन्न वाद्य यंत्र बजाकर आनंदित हो रहे हैं साथ ही गायन कला के अंतर्गत विद्यार्थियों को विभिन्न रोचक गीतों को गाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ।विद्यालय के संगीत शिक्षक श्री राजू कौशिक के साथ-साथ बच्चे भी गीतों को गाकर आनंदित हो रहे हैं ।उन्हें मां सरस्वती वंदना, देश भक्ति गीत, शास्त्रीय संगीत इत्यादि की शिक्षा दी जा रही है। विभिन्न प्रकार के तालों की भी शिक्षा संगीत शिक्षक राजू कौशिक के द्वारा बच्चों को दी जा रही है। समर कैंप में जिन जिन बच्चों की एक्टिविटी म्यूजिक है वह बच्चे गीत और संगीत दोनों की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं ।संगीत वादन के अंतर्गत बच्चों को गिटार, तबला, हारमोनियम ,बांसुरी, सिंथेसाइजर इत्यादि वाद्य यंत्रों को बजाना सिखाया जा रहा है। साथ ही विभिन्न तालों के बारे में तबला वादन कर संगीत शिक्षक द्वारा अवगत कराया जा रहा है।


संगीत शिक्षक श्री राजीव कौशिक ने कहा कि संगीत एक साधना है गीत और संगीत को हम महज 1 दिन में नहीं सीख सकते इसके लिए सतत अभ्यास की आवश्यकता होती है ,और अभ्यास में हमें निरंतरता बनाए रखनी पड़ती है जब कभी भी हम खाली बैठे हैं तो सीखे गए सुर ,लय ,तालों और रागों का रियाज करें। और यदि हमें वादन में रुचि है तो जिस वाद्य यंत्र को हम सीखना चाहते हैं उसका भी अभ्यास सतत रूप से आवश्यक है। संगीत साक्षात मां सरस्वती का स्वरूप है और इसके लिए लगन व साधना की आवश्यकता होती है ।यदि हम अपने रियाज अर्थात लगन से पीछे नहीं हटते हैं तो सुनिश्चित है हम एक सफल संगीतकार या गायक बनते हैं।


विद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि इस बात में वाकई कोई दो राय नहीं है कि संगीत एक साधना है और बिना साधना किए हम संगीत की स्वर लहरियों का आनंद प्राप्त नहीं कर सकते। वर्तमान समय में संगीत एक ऐसा सशक्त माध्यम है जो हमें कई व्याधियों से मुक्ति दिलाता है। हम यदि तनावग्रस्त हैं तो यह सुनिश्चित है कि हमें कोई न कोई बीमारी आ घेरेगी ।आज बड़े-बड़े देशों में भी म्यूजिक थेरेपी से रोगियों का इलाज किया जा रहा है ।यदि हम अच्छा गाते हैं या अच्छा बजाते हैं तो हमें किसी पहचान की आवश्यकता नहीं है। हमारी पहचान समाज में स्वतः स्थापित हो जाती है। संगीतकारों और गायकों को लोग बहुत सम्मान देते हैं। संगीत से शरीर, मन व प्राण तीनों में शुद्धता व चेतनता का विकास होता है। संगीत हमें खुश रखता है तथा मस्तिष्क को राहत पहुंचाता है। हमारी सदा से यही कोशिश रही है कि हम ना सिर्फ समर कैंप में बल्कि आम दिनों में संचालित विद्यालय की कक्षा में भी बच्चों को इस प्रकार की एक्टिविटीज में पारंगत बनाएं ।हम उन्हें हर वह ज्ञान देना चाहते हैं कि जिसे बच्चा भविष्य में अपने काम में लाए। हम विद्यालय में विभिन्न एक्टिविटीज करवाकर बच्चों की छिपी हुई प्रतिभा को निखारने का निरंतर प्रयास करते रहेंगे।