इंफाल,06 मई : मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में शुक्रवार को छुट्टी पर गए सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो की हथियारबंद हमलावरों ने उनके गांव में गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं मणिपुर में जारी हिंसा के दौरान इंफाल में तैनात आयकर विभाग के एक अधिकारी की हत्या कर दी गई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 204वीं कोबरा बटालियन की डेल्टा कंपनी के कांस्टेबल चोंखोलेन हाओकिप की दोपहर करीब दो से तीन बजे मौत हो गई। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि किन परिस्थितियों में कबांडो को मारा गया, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह समझा जाता है कि कुछ हमलावर पुलिस जैसी वर्दी में उसके गांव में घुसे और उसकी हत्या कर दी।
आयकर कर्मी हिंसा का शिकार
भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) एसोसिएशन ने शुक्रवार को कहा कि जातीय हिंसा में इंफाल में तैनात आयकर विभाग के सहायक कर अधिकारी लेमिनथांग हाओकिप को उनके सरकारी आवास से बाहर खींचकर मार दिया गया। एसोसिएशन ने हाओकिप के फोटो के साथ एक ट्वीट कर जातीय हिंसा की कड़ी निंदा की और आयकर अधिकारी के परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त की है। ट्वीट में कहा गया है कि इस मुश्किल घड़ी में हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
36 शवों को अस्पताल लाया गया
विभिन्न सूत्रों ने बताया कि सामुदायिक हिंसा में कई लोगों की मौत हुई है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हालांकि, पुलिस ने मृतकों की संख्या नहीं बताई है। इंफाल पश्चिम जिले के मोरगू में स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के सूत्रों ने शुक्रवार की रात बताया कि 36 शवों को यहां लाया गया है, जिन्हें जातीय हिंसा का शिकार बताया गया है। इन शवों को इंफाल पूर्वी और पश्चिमी, चुराचांदपुर और बिशेनपुर जिलों से लाया गया है। गोली लगने से घायल कई लोगों का रिम्स और जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में इलाज चल रहा है।
13 हजार नागरिकों को सुरक्षित निकाला
सेना ने हिंसाग्रस्त क्षेत्रों से 13 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है। इन्हें अस्थायी तौैर पर बनाए गए शिविरों में रखा गया है। कुछ लोगों को सेना के विभिन्न कैंपों में भी रखा है। सेना ने लोगों से शांति बनाए रखने और सभी समुदायों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की है।
कानून का सभी को पालन करना चाहिए
इंफाल के एडिशनल एसपी एम अमित सिंह ने कहा कि पुलिस की एक टीम ने मणिपुर के विभिन्न इलाकों से सुरक्षा बलों से छीने गए हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं। जिस किसी के पास हथियार और गोला-बारूद का ज्ञान या कब्जा है, वह निकटतम पुलिस स्टेशन से संपर्क करे और इसे जमा करे। जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर दिए गए कानून का सभी को पालन करना चाहिए।
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