देश में शक्ति स्वरूपा देवी की आराधना-उपासना बहुत ही शानदार ढंग से की जाती है, वहीं बेटियों के साथ क्रूर तरीके से अन्याय भी इन दिनों तेजी से बढ़ता जा रहा है. हंसने-खेलने और पढ़ने-लिखने की आयु में उसे दुल्हन बनाकर विवाह के मंडप में बैठाया जाता है.
यह सामाजिक कुरीति होने के साथ कानूनन अपराध भी कहा जाता है. इसके बावजूद देश के विभिन्न हिस्सों में बाल विवाह के केस समय-समय पर आते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जोधपुर जिले से सामने आ चुका है. यह दास्तान न केवल कानून के रखवालों पर सवालिया निशान लगाता है, बल्कि समाज के दोहरे चरित्र को भी उजागर करने का काम भी करता है. एक तरफ पुलिस-प्रशासन को बाल विवाह के बारे में भनक नहीं लगी तो दूसरी तरफ समाज से भी जिसके विरुद्ध आवाज नहीं उठी.
खबरों का कहना है कि जोधपुर जिले में एक 16 वर्ष की नाबालिग बच्ची की पिता की उम्र के शख्स से विवाह करवा दिया गया. दूल्हे की उम्र 45 वर्ष बताई गई है. दरअसल, इस विवाह के पीछे भी एक स्टोरी है. नाबालिग किशोरी की बड़ी बहन (उम्र 22 साल) की शादी इस अधेड़ उम्र के शख्स के साथ तय किया गया. जब युवती को पता चला कि उनके दूल्हे की उम्र उनसे दोगुनी से भी अधिक है तो वह भाग गई. इल्जाम है कि युवती के मौसा-मौसी ने शादी कराने के लिए पैसे लिए थे. युवती के घर से भागने की सूचना पर परिजनों के पैरों तले की जमीन खिसक गई. आनन-फानन में उनकी छोटी बहन को दुल्हन बनाने का फैसला भी कर लिया गया है. और इस तरह से 16 वर्ष की किशोरी से 45 वर्ष के शख्स का विवाह करा दी गई.
बाल विधवा थी घर से भागी युवती: फलोदी (जोधपुर) निवासी युवती ने दर्द भरी कहानी बताई. युवती ने इस बारें में कहा है कि 13 वर्ष की उम्र में ही उनका विवाह करा दिया गया था. विवाह के तकरीबन 40 दिन बाद ही उनके पति की जान चली गई. इस तरह वह बाल विधवा हो गई थीं. युवती ने अपनी बात को जारी रखते हुए यह भी कहा है कि उन्हें उस वक्त इसका पता भी नहीं था. वह जब 18 साल की हुईं तो पता चला कि 5 साल पहले उनकी विवाह करवा दिया गया था और वह बाल विधवा हैं. उन्होंने बताया कि उनकी पहली शादी पैसे बचाने के लिए कराई गई थी, जबकि दूसरी शादी पैसे कमाने के लिए कराई जा रही थी.
जब उन्हें पता चला कि उनका होने वाला पति 45 वर्ष का है तो वह घर से फरार हो गईं. इसके बाद उनकी छोटी बहन (16 साल) को दुल्हन बना दिया गया.
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