सेम सेक्स मैरिज( same sex marriage) को मान्यता देने वाली 20 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांचवे दिन की सुनवाई पूरी हो चुकी है। याचिकाकर्ताओं की दलीलें खत्म हो चुकी हैं। सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की संवैधानिक बेंच कर रही है। छठे दिन की सुनवाई गुरुवार को होगी।
कौन फैसला करेगा सरकार या कोर्ट( court)
वहीं केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह मुद्दा सवाल उठाता है कि शादी क्या है, किसके बीच होती है, इस पर कौन फैसला करेगा सरकार या कोर्ट। लेकिन इस पर नए सिरे परिभाषा लिखने के लिए केंद्र को मजबूर नहीं किया जा सकता।
भारतीय जिन पारिवारिक मूल्यों को संजोते हैं, उन पर असर पड़ेगा
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के इंटरवेनर क्वीर कलेक्टिव की ओर से दलील दे रहे गुप्ता ने कहा- यह कहना गलत है कि भारतीय जिन पारिवारिक मूल्यों को संजोते हैं, उन पर असर पड़ेगा। पारिवारिक मूल्यों ही वजह हैं जिनके कारण वे शादी करना चाहते हैं। समाज में इन लोगों को अपोजिट जेंडर से शादी के लिए मजबूर किया जा रहा है। इससे भी बुरी बात यह है कि कुछ लोग हैं इन्हें कन्वर्जन थैरेपी की सलाह दे रहे हैं, उन्हें लगता है ये बीमारी हैं, जिसे दवाओं से ठीक किया जा सकता है।
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