सरकार के प्रोत्साहन से ग्रीष्मकाल में बढ़ी रागी की खेती

कांकेर ,26 अप्रैल । छत्तीसगढ़ सरकार ने मिलेट मिशन के तहत लघु धान्य फसलों-कोदो, कुटकी, रागी की खेती को बढ़ावा दिया है। लघु धान्य फसलों का समर्थन मूल्य भी घोषित की है। वर्ष 2022-23 में रागी का समर्थन मूल्य 3578 रुपए प्रति क्विंटल, कोदो का समर्थन मूल्य 3000 रुपए प्रति क्विंटल एवं कुटकी का समर्थन मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल घोषित की है। इससे जिले के किसान लघु धान्य फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित हुए हैं, जिससे जिले में इन फसलों की खेती का रकबा बढ़ा है।

किसानों द्वारा खरीफ सीजन में धान फसल की खेती के अलावा कोदो-कुटकी-रागी की भी खेती की जाती है, लेकिन अब ग्रीष्मकाल में भी किसानों द्वारा रागी की फसल ली जा रही है। कृषि विभाग के उप संचालक एनके नागेश ने बताया कि इस वर्ष जिले के किसानों द्वारा 5500 हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन रागी की फसल ली गई है, जो कि पिछले वर्ष  की तुलना में 4915 हेक्टेयर अधिक है, पिछले वर्ष ग्रीष्म काल में किसानों द्वारा 585 हेक्टेयर में रागी की फसल लिया गया था।

उप संचालक नागेश ने बताया कि वर्ष 2022-23 में रागी बीज उत्पादन कार्यक्रम अंतर्गत खरीफ सीजन में 13 किसानों द्वारा 8 हेक्टेयर रकबा में रागी की फसल ली गई थी, जो रबी सीजन में बढ़ गया है, 355 किसानों द्वारा 195.70 हेक्टेयर रकबा में रागी की फसल लिया गया है। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत फसल लेने पर समर्थन मूल्य से लगभग दोगुना मूल्य में उपज को खरीदा जाता है। साथ ही किसानों को आसानी से बीज भी उपलब्ध हो जाता है।

नागेश ने कहा कि इस वर्ष ग्रीष्मकाल में 4400 मैट्रिक टन रागी फसल का उत्पादन होने की संभावना है। उत्पादन में वृद्धि होने से मिलेट्स मिशन योजनान्तर्गत किसानों की आय बढ़ेगी, साथ ही दैनिक आहार में मिलेट्स के उपयोग को शामिल करने से कुपोषण को दूर करने में भी मदद मिलेगी।