मस्क की कंपनी टेस्ला ने अमेरिका में ऑटो पायलट क्रैश केस जीता

सैन फ्रांसिस्को । अमेरिका में 2019 में एक ऑटोपायलट-संबंधित दुर्घटना के मामले में जूरी ने एलेन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के पक्ष में फैसला दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया प्रांत की अदालत में जूरी ने 2020 में टेस्ला पर मुकदमा करने वाले वादी जस्टिन सू को कोई हजार्ना नहीं दिया।

जूरी ने पाया कि टेस्ला ऑटो पायलट सॉफ्टवेयर की गलती से वह दुर्घटना नहीं हुई थी, जिसमें ऑटो पायलट इंगेज होने के बावजूद कार सड़क के डिवाइडर से टकरा गई थी। टेस्ला अपने ऑटो पायलट और इसके फुल सेल्फ-ड्राइविंग (एफएसडी) ड्राइवर सहायता सुविधाओं के लिए गहन जांच के अधीन है।

टेस्ला को 2021 की टेस्ला मॉडल एस ऑटो पायलट सिस्टम से जुड़ी एक घातक दुर्घटना में यूएस नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) से इस साल फरवरी में क्लीन चिट मिला। अमेरिकी परिवहन एजेंसी ने निष्कर्ष निकाला कि टेक्सास प्रांत के स्प्रिंग में इलेक्ट्रिक वाहन दुर्घटना का संभावित कारण चालक की अत्यधिक गति और अपनी कार को नियंत्रित करने में विफलता थी।

ऑटो पायलट के मामले में, एनटीएसबी ने निर्धारित किया कि यह उपयोग में नहीं था क्योंकि जिस सड़क पर यह हादसा हुआ सिस्टम को वहां पर 30 मील प्रति घंटे से अधिक की गति के लिए प्रोग्राम नहीं किया गया था। यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) मस्क द्वारा किए गए सेल्फ-ड्राइविंग के दावों की भी जांच कर रहा है

एसईसी जांच यह निर्धारित करने के लिए है कि क्या इलेक्ट्रिक कार निमार्ता ने अपने फुल सेल्फ-ड्राइविंग (एफएसडी) और ऑटोपायलट सॉ़फ्टवेयर को बढ़ावा देने में नियमों का उल्लंघन किया है। टेस्ला ने फरवरी में अमेरिका और कनाडा में अपने फुल सेल्फ-ड्राइविंग बीटा सॉफ्टवेयर का रोलआउट रोक दिया।

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