Vedant Samachar

दुश्मनों की अब खैर नहीं: भारतीय सेना को मिली रूसी मूल की इग्ला-एस मिसाइल, 90 और खरीदने की तैयारी

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नई दिल्ली,04 मई 2025। भारत के दुश्मनों की अब खैर नहीं है। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बीच भारतीय सेना की क्षमता में इजाफा हुआ है। सेना को रूसी मूल की इग्ला एस मिसाइलें मिली हैं। कंधे पर रखकर वार करने वाली यह मिसाइल दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देगी। इसके अलावा 90 और मिसाइल खरीदने की तैयारी हो रही है।

कम दूरी की वायु सुरक्षा प्रणालियां भारतीय सेना की वायु रक्षा क्षेत्र में अहम योगदान देती हैं। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इग्ला-एस वायु रक्षा मिसाइलों की नई आपूर्ति कुछ सप्ताह पहले भारतीय सेना को हुई है। इन मिसाइलों को सीमाओं पर दुश्मन के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन से खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को दिया जा रहा है।

सुरक्षा बलों ने आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत विभिन्न अनुबंध किए हैं। करीब 260 करोड़ रुपये के इस अनुबंध से पश्चिमी क्षेत्र में वायु रक्षा बलों की ताकत बढ़ने की उम्मीद है। इस अनुबंध में इन्फ्रा रेड सेंसर आधारित कम दूरी की वायु सुरक्षा प्रणालियां शामिल हैं। इग्ला-एस मिसाइलों की आपूर्ति के साथ ही भारतीय सेना ने 48 लाॅन्चर तथा लगभग 90 कम दूरी की वायु सुरक्षा प्रणालियां (VSHORADS) मिसाइलें खरीदने के लिए निविदा भी जारी की है। इसके अलावा पुरानी मिसाइलों को एक भारतीय फर्म द्वारा नवीनीकृत किया जा रहा है। इग्ला-एस मिसाइलें 1990 के दशक से प्रयोग में है।

पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी तैयारी
भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए बड़ी संख्या में मिसाइलों के साथ ड्रोन का पता लगाने और उसे नष्ट करने की क्षमताओं की भी आवश्यकता है। सेना ने स्वदेशी एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन और इंटरडिक्शन सिस्टम के मार्क 1 को भी तैनात किया है। यह आठ किलोमीटर से अधिक दूरी से ड्रोन का पता लगा सकता है और उन्हें रोक सकता है। इस सिस्टम में लेजर भी लगे हैं जो ड्रोन को जलाकर गिरा सकते हैं। सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने हाल ही में जम्मू में इस सिस्टम का उपयोग करके पाकिस्तानी सेना के एक ड्रोन को मार गिराया था।

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