आज हमारे चारों ओर दैनिक उपयोग में होनेवाली समस्त प्रकार की वस्तुओं से मितव्ययिता का संदेश गूँज रहा है – प्रदीप कुमार जैन

दिल्ली,10 अप्रैल। G20 सम्मिट नई दिल्ली के छतरपुर स्थित लिंगयास गर्ल्स कॉलेज में 8 अप्रैल को प्रदीप कुमार जैन सेवानिवृत्त बालको कर्मी ने अपने उद्बोधन में कहा आज हमारे चारों ओर दैनिक उपयोग में होनेवाली समस्त प्रकार की वस्तुओं से मितव्ययिता का संदेश गूँज रहा है। चाहे वह क्षेत्र बिजली,पानी, तेल,खाद्य पदार्थ व समय का ही क्यों न हो,सभी क्षेत्रों में बचत करने को ही बढा़वा दिया जा रहा है। हर एक क्षेत्र में की गई बचत का मूल्यांकन देश में प्रचलित मुद्रा में ही होता है।


मितव्ययिता का सामान्य अर्थ है बचत या व्यवस्थित व्यय जिससे नियमित बचत को प्रेरित करता हुआ मार्ग दिखे।
हमारे जीवन की व्यवस्था ही कुछ ऐसी है कि जब तक जीवन है तब तक रूपये पैसों की आवश्यकता रहती है , यौवन काल में छोटी से छोटी संचित रकम ही वृद्धावस्था के लिए संग्रहीत आर्थिक शक्ति बन जाती है।
जो व्यक्ति आर्थिक शक्ति को संग्रहीत रखता है वह अपने साथ एक आज्ञाकारी सेवक उत्पन्न कर लेता है जो हर समय,हर अवस्था, हर स्थिति में सेवा सहायता के लिए उपलब्ध रहता है जो अपने भविष्य के लिए जागरूक रहता है वही इसे प्राप्त करता है।


मानव जीवन में मितव्ययिता बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान रखती है सुखद व सुनिश्चित भविष्य के लिए मितव्ययिता अति आवश्यक है।
अपनी नियमित आय में से जीवन उपयोगी व्यय के बाद कुछ राशि भविष्य के लिए अलग रखना व शासन द्वारा संचालित योजनाओं में सुरक्षित रूप देने के लिए जमा करना बचत कहलाता है। हम में से हर एक व्यक्ति हर एक वर्ष में एक दिन सबसे ज्यादा खुश रहता है और वह दिन हर एक व्यक्ति का जन्मदिन वाला दिन होता है उस दिन हर व्यक्ति कुछ न कुछ नया करना चाहता है सकारात्मक करना चाहता है (केक काटेगा दोस्तों रिश्तेदारों को पार्टी देगा नई नई वस्तुएं व कपड़े खरीदेगा यह सब खर्च करेगा किन्तु बचत शुरू करने के बारे में नहीं सोचेगा)
दोस्तों यही वह दिन है जहाँ से आपके आर्थिक भविष्य को सुदृढ़ करने का रास्ता खुल सकता आप आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकोगे आपने अपने सुखद भविष्य के जो सपने देखें हैं वही पूरे होंगे आपको कोई EMI भरने की जिम्मेदारी नहीं रहेगी आपको अपनी इच्छापूर्ति के लिए अपने मित्रों व रिश्तेदारों पर गारेंटर बनने के लिए गिड़गिडा़ना नहीं पडे़गा।


इसके लिए आपको बस छोटा सा काम करना है अपने घर,गाँव,शहर में सबसे नजदीक पोस्ट आफिस या बैंक में जाकर “रिकरिंग डिपाजिट स्कीम” में एक नया खाता कम से कम रूपये 100/- मात्र प्रतिमाह की दर से 60 माह के लिए अपने हर वर्ष आनेवाले जन्मदिन पर नया रिकरिंग डिपाजिट एकाउन्ट खोलते जाना है।पाँच वर्ष के बाद आपके द्वारा सबसे पहला एकाउन्ट मेच्योर हो जाऐगा उस मेच्योरिटी एमाउन्ट से आप अपनी मनचाही वस्तु खरीद सकते हैं या भविष्य की जरूरत को और ज्यादा मजबूती देने के लिए म्युचुअल फंड इत्यादि में निवेश कर सकते हैं।


क्या आपको मालूम है कि आपके द्वारा इस प्रकार की जानेवाली बचत से देश को क्या फायदा होगा?


आपके जैसे बचत करने वाली पद्धति से यदि हमारे देश ज्यादा नही सिर्फ 1% नागरिक ही ऐसा करें तो सरकार के पास देश के विकास के 140 करोड़ रूपये उपलब्ध होंगे तो भर में कितने हुए 14012=1680 करोड़ और पाँच साल में 16805=8400 करोड़
ध्यान दीजिए हमारे देश को जापान जैसा विकासशील बनाने के देश के हर नागरिक का सहयोग चाहिए और यह सहयोग आर्थिक होना चाहिए।आर्थिक सहयोग इसलिए क्योंकि आर्थिक विकास करना है ऐसा करने से ही हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी का संदेश सही अर्थों में देश के विकास में चारों ओर दिखेगा
“सबका साथ”
“सबका विश्वास”
“सबका विकास”
“सबका प्रयास “
उल्लेखनीय है की श्री जैन लिम्का बुक आफ रिकार्डस 1997 एवं 2000 के राष्ट्रीय कीर्तिमान धारक हैं।