दंतेवाड़ा, 4 अप्रैल । इक्थ्योसिस हिस्ट्रिक्स (ट्री मैन सिंड्रोम) Ichthyosis hystrix (treeman syndrome) इस दुर्लभ बीमारी से पीड़ित जिला दंतेवाड़ा की रहने वाली जागेश्वरी के बेहतर उपचार के लिए जिला प्रशासन ने पहल की है। जिला प्रशासन की पहल पर अब जागेश्वरी को उपचार के लिए मेडिकल कालेज रायपुर भेजा गया है। बता दें अभी कुछ दिन पहले ही सोनू सूद ने भी बच्ची की बीमारी को लेकर ट्वीट पर एक पोस्ट किया था। जिसके बाद एक बार फिर दंतेवाड़ा जिला प्रशासन बच्ची के इलाज के प्रयास में जुट गया है। सोनू सूद ने इस युवती की बीमारी को लेकर ट्वीट किया था और उन्होंने ट्वीट कर कहा था- चलिए कोशिश करते हैं ऊपर वाला है ना।
ज्ञात है कि 3 साल पहले ग्राम पाहुनर हेल्थ कैंप के दौरान दुर्लभ बीमारी से पीड़ित जागेश्वरी सामने आई थी, जहां उसे जिला प्रशासन की पहल पर मेडिकल कालेज रायपुर भेजा गया था। लगभग डेढ़ माह से अधिक मेडिकल कालेज रायपुर में जागेश्वरी का बेहतर उपचार एवं प्रबंधन किया गया। इसके बाद जागेश्वरी को मेडिकल कालेज से छुट्टी दे दी गई। किंतु इस लाइलाज बीमारी ने जागेश्वरी को जकड़ लिया। प्रशासन द्वारा इलाज संबंधी सहायता लगातार जागेश्वरी के घर पहुंचाया गया। इसके बाद लगातार स्वास्थ विभाग के द्वारा जागेश्वरी को उपचार के लिए रायपुर भेजने के लिए आग्रह किया गया। किंतु पारिवारिक कारणों के कारण जागेश्वरी रायपुर नहीं जा पा रही थी।
सोमवार को कलेक्टर विनीत नंदनवार के मार्गदर्शन में स्वास्थ विभाग की टीम के द्वारा जागेश्वरी के ग्राम कौरगांव पहुंचकर उसे एंबुलेंस के माध्यम से दंतेवाड़ा जिला चिकित्सालय लाया गया। जहां प्रारंभिक उपचार के बाद उसे बेहतर उपचार के लिए रायपुर भेजा गया है। जागेश्वरी के साथ दंतेवाड़ा से स्वास्थ विभाग का दल भी भेजा गया है जो जागेश्वरी के साथ वहां रहकर उसका बेहतर उपचार एवं देखरेख करेगा। जागेश्वरी के इलाज के लिए समस्त आवश्यक खर्च स्वास्थ विभाग के द्वारा किया जाएगा।
कौन है जागेश्वरी
दंतेवाड़ा के अंदरूनी इलाके में रहने वाली आदिवासी युवती बेहतर दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है। जीन के म्यूटेशन या खराबी के कारण उसकी त्वचा पेड़ की छाल की तरह सख्त होने लगी है, जिसे मेडिकल भाषा में इस जेनेटिक बीमारीको इक्थायोसिस स्टिरिक्स कहा जाता है। जागेश्वरी की बायोप्सी रिपोर्ट में Epidermolytic Hyperkeratosis पाया गया।
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