छत्तीसगढ़: नए राज्यपाल ने कह दी बड़ी बात,76 फीसदी आरक्षण पर बड़ा फैसला

राज्यपाल के बयान से जाहिर है कि फिलहाल छत्तीसगढ़ में ये आरक्षण लागू नहीं हो पाएगा। कुछ समय पश्चात प्रदेश में आचार संहिता भी लग जाएगी ऐसे में अब इस आरक्षण का मामला अगली सरकार के पाले में जाता दिख रहा है। छत्तीसगढ़ में नए आरक्षण विधेयक पर अब तक राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। इस विधेयक को लेकर प्रदेश के नए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने बड़ी बात कह दी है जिसके बाद से इस आरक्षण विधेयक की संभावनाएं खत्म सी हो गई हैं। बता दें कि आरक्षण विधेयक में हस्ताक्षर नहीं होने को लेकर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा है कि आरक्षण विधेयक का पटाक्षेप हो गया है। यह मामला पिछले राज्यपाल के समय का है इसलिए अब इसपर बात करने का औचित्य नहीं है।राज्यपाल के बयान से जाहिर है कि फिलहाल छत्तीसगढ़ में ये आरक्षण लागू नहीं हो पाएगा। कुछ समय पश्चात प्रदेश में आचार संहिता भी लग जाएगी ऐसे में अब इस आरक्षण का मामला अगली सरकार के पाले में जाता दिख रहा है।

आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 को विशेष सत्र बुलाकर पास किया
बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक 2022 को विशेष सत्र बुलाकर पास किया गया था। इस आरक्षण संशोधन विधेयक में अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान किया गया था। सदन में एक साथ दो विधेयक छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियो, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 सर्वसम्मति से पारित किया गया था, लेकिन इस विधेयक में तत्तकालीन राज्यपाल अनुसुइया उइके ने हस्ताक्षर नहीं किए थे जिसके बाद से अब तक यह विधेयक लटका पड़ा है।वहीं अब नए राज्यपाल के इस तरह के जवाब से विधेयक के पक्ष में रहने वाले लोगों को करारा झटका लगा है।