PM Modi in Varanasi : PM मोदी की खास पहल, साल 2025 तक भारत में खत्म होगी टीबी

PM Modi in Varanasi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आज वाराणसी को करीब 1780 करोड़ रुपए की सौगात दी है। PM मोदी ने ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ में बटन दबाकर भारत में टीबी को खत्म करने के लिए प्रमुख पहलों की शुरुआत की। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने बटन दबाकर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और उच्च रोकथाम प्रयोगशाला का शिलान्यास किया।इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि काशी नगरी वे शाश्वत धारा है जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है। काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जब सबका प्रयास होता है तो नया रास्ता भी निकलता है। मुझे विश्वास है कि टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी।

इसके पहले सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश में देश 21% टीबी के मरीज पाए जाते रहें हैं। पिछले 5 साल में उत्तर प्रदेश ने जो लक्ष्य प्राप्त किए हैं उनमें 16 लाख 90 हजार रोगियों को पोषण सहायता के माध्यम से अब तक 422 करोड़ का भुगतान किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को 2025 तक टीबी से मुक्त करने का जो संकल्प दिया था, आज हम उसके नजदीक पहुंच चुके हैं। आज स्टॉप टीबी कैंपेन का जो थीम दिया गया है, ये वास्तव में उनके संकल्पों को मजबूती प्रदान करने और उसे आगे बढ़ाने का है। इस कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे। आज पीएम मोदी वाराणसी के सर्किट हाउस के नवनिर्मित नए ब्लाक का लोकार्पण कर प्रस्तावित परियोजनाओं का प्रजेंटेशन भी देखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी करीब 5 घंटे के प्रवास के दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब वसुधैव कुटुंबकम् यानी ‘पूरी दुनिया एक परिवार है’ की भावना में झलकता है। ये प्राचीन विचार आज आधुनिक विश्व को एकीकृत दृष्टि और एकीकृत समाधान दे रहा है। इसलिए भारत ने G20 की भी थीम रखी है एक दुनिया एक परिवार एक भविष्य।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है। भारत के ये प्रयास पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है। बीते 9 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में अनेक मोर्चो पर एक साथ काम किया है।