CG SCAM BREAKING : फ्लैक्स के भुगतान में आठ लाख का घोटाला, आयुक्त समेत चार पर FIR

भिलाई, 23 मार्च। फ्लैक्स के भुगतान में आठ लाख 65 हजार 476 रुपये का घोटाला करने के आरोप में दुर्ग निगम के तात्कालीन आयुक्त सुनील अग्रहरि समेत चार लोगों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं के तहत प्राथमिकी की गई गई है। सामाजिक कार्यकर्ता मेहरबान सिंह ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से इस मामले को लेकर न्यायालय में याचिका लगाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया। जिसके आधार पर पद्मनाभपुर पुलिस ने चारों आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी कर जांच शुरू की ।

पुलिस ने बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता व सामाजिक कार्यकर्ता मेहरबान सिंह की शिकायत पर दुर्ग निगम के तात्कालीन आयुक्त सुनील अग्रहरि, तात्कालीन राजस्व निरीक्षक चंद्रकांत शर्मा, तात्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक पवन नायक और सिंह कंस्ट्रक्शन के पार्टनर अनिल सिंह के खिलाफ प्राथमिकी की गई है।

पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता को जानकारी मिली थी कि निगम ने फ्लैक्स के भुगतान के नाम पर घोटाला किया गया है। निगम के तात्कालीन सभापति राजकुमार नारायणी ने 27 अगस्त 2019 को निगम आयुक्त को शिकायत की थी कि पिछले एक साल में निगम ने जो फ्लैक्स लगवाया है। उसका बाजार से ज्यादा दर पर भुगतान किया गया है। निगम के पूर्व पार्षद विन्सेंट डिसूजा ने भी 29 अगस्त 2019 को कलेक्टर और 13 फरवरी 2020 को निगम आयुक्त से इसकी शिकायत की थी।

शिकायत में बताया गया था कि तात्कालीन राजस्व निरीक्षक चंद्रकांत शर्मा और आयुक्त सुनील अग्रहरि ने मिलीभगत कर प्रतिबंधित पीवीसी फ्लैक्स का उपयोग किया था और प्रति वर्गफीट के पीछे 40 रुपये ज्यादा का भुगतान किया गया था।

इस शिकायत पर कलेक्टर ने दुर्ग निगम के तात्कालीन आयुक्त इंद्रजीत बर्मन को जांच के लिए शिकायत पत्र भेजा था। जिस पर दुर्ग निगम के स्वास्थ्य अधिकारी उमेश कुमार मिश्रा ने जांच शुरू की। आरोपित चंद्रकांत शर्मा, पवन नायक का बयान लिया था।

इनके अलावा संज्ञा कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर नितेश कुमार बाफना, डिगन इंटरप्राइजेस के प्रोपराइटर मनोज गुप्ता, दीपक जैन, रश्मि पाठक, फजल फारुखी, प्रफुल्ल जोशी और आरोपित ठेकेदार अनिल सिंह का भी बयान लिया था। तात्कालीन आयुक्त आरोपित सुनील अग्रहरि को नोटिस जारी करने के बाद भी वे कभी भी अपना पक्ष रखने के लिए नहीं पहुंचे थे। जांच पूरी कर निगम के तात्कालीन आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने 23 नवंबर 2020 को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग और संचालनालय के संचालक के पास जांच प्रतिवेदन भेजा था।

शिकायतकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत जांच की पूरी जानकारी निकालकर एसपी से इसकी शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की थी। जिसके बाद उसने न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी करने का आदेश दिया है।

कांग्रेसी ही नहीं भाजपा पार्षद भी उठाते रहे हैं मामला

फ्लैक्स घोटाले का यह प्रकरण दुर्ग निगम का चर्चित मामला रहा है। निगम में कांग्रेस के ही नहीं, भाजपा पार्षद भी इस मामले को उठाते रहे हैं। भाजपा पार्षद दल की ओर से भी निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच की मांग की गई थी। नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में भाजपा पार्षद दल के नेता अजय वर्मा सहित अन्य पार्षदों ने यह मामला उठाया था। निगम के तात्कालीन कांग्रेस पार्षद प्रकाश गीते भी इस मामले को लेकर तात्कालीन आयुक्त से शिकायत कर जांच की मांग करते रहे हैं।