डेयरी पशुओं के प्रजनन स्वास्थ्य प्रबंधन विषय पर दो दिवसीय कार्यक्रम का हुआ आयोजन

दुर्ग । दाऊ श्रीवासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के अंतर्गत निदेशक विस्तार शिक्षा द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में पशुधन विकास विभाग में पदस्थ सहायक पशुचिकित्सा प्रक्षेत्र अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण प्रिप्रोडक्टिव हेल्थ मैनेजमेंट ऑफ डेयरी एनिमल्स् विषय पर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयेाजन आई.सी.ए.आर. के एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट (अटारी) जबलपुर, मध्यप्रदेश के वित्तीय सहयोग से 21 और 22 मार्च को किया गया।

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कर्नल एन.पी.दक्षिणकर, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ.संजय शाक्य, पशुधन विकास विभाग, दुर्ग के उपसंचालक डॉ.राजीव देवरस, विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ. दिलीप चौधरी, विषयवस्तु विशेषज्ञ डॉ.निशा शर्मा, डॉ.रोशन साहू, अर्चना खोब्रागड़े आदि उपस्थित रहे ।

डॉ.एस.आर.के.सिंह निदेशक अटारी ने इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सभी को संबोधित करते हुए कहा कि यहां पशुधन की संख्या अधिक है टीकाकरण कृत्रिम गर्भाधान पशु पोषण आदि विषय पर मैनपावर को प्रशिक्षित कर उनके माध्यम से किसान व पशुपालकों को नवीनतम तकनीक से अवगत करा कर उनकी आय में वृद्धि की जा सकती है।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.(कर्नल) एन.पी.दक्षिणकर ने सभी का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि ज्ञान एक ऐसी चीज है जिसे जितना प्राप्त किया जाए उतनी ही कम है, नई-नई तकनीकों को अपनाकर एवं उचित मार्गदर्शन में किसान व पशुपालक अपनी आर्थिक परिस्थिति में बदलाव ला सकते हैं।

उपसंचालक दुर्ग डॉ.राजीव देवरस ने पशुओं में गर्भाधान संबंधी समस्याओं तथा पशुपालन में आ रही दिक्कतों के निराकरण पर प्रकाश डाला।

इस प्रशिक्षण में प्राध्यापक डॉ.मोहन सिंह द्वारा छत्तीसगढ़ में डेयरी पशुओं के आनुवंशिकीय सुधार हेतु प्रजनन कार्यक्रम, डॉ.आर.पी. तिवारी द्वारा पशुओं में एनिस्ट्रस एवं रिपीट ब्रीडिंग के कारण एवं उपचार, डॉ. एम.के. अवस्थी द्वारा कृत्रिम गर्भाधान में उन्नत तकनीकों एवं महत्वपूर्ण प्रजनन विकारों का निदान व उपचार, डॉ.एम. के. गेंदले द्वारा पशुपोषण तथा डॉ. व्ही.एन. खुणे द्वारा डेयरी फार्मिंग हेतु हस्तांतरणीय तकनीक तथा डॉ.उमेश कुमार पटेल द्वारा गोपालन से प्राप्त अपशिष्ट के पुनर्चक्रण पर तकनीकी एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कार्यक्रम का संचालन डॉ.एम.एस.परमार व डॉ.अमित गुप्ता द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।