कोरबा,23 मार्च(वेदांत समाचार)।करीब ढाई साल तक इंतजार करने के बाद सिटी बस सेवा का पुनर्संचालित शुरू हुआ। इससे यात्रियाें काे सस्ती व सुलभ सेवा मिलने लगी है, लेकिन पुराने ढर्रे पर फिर से सिटी बस का परिचालन किए जाने के कारण शहर में निजी बस मालिकाें से टकराव की स्थिति भी निर्मित हाे रही है। दरअसल शहर से कटघाेरा व चांपा रूट पर अधिकांश निजी बस चलते हुए गंतव्य तक आवाजाही करते हैं, वहीं सिटी बस सेवा के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के बजाए स्टेट कैरिज रूट पर आने वाले कटघाेरा व चांपा रूट पर ही अधिकांश सिटी बसें चल रही हैं।
इससे कटघाेरा रूट पर हर 10 मिनट में निकलने वाले निजी बसाें के बीच अब सिटी बस भी चलने लगी है। इस तरह समय का अंतराल कम हाेने के कारण सवारी के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। इसी कारण सिटी बस व निजी बस के कर्मचारियाें के बीच आए दिन विवाद हाेने लगा है। पुराना बस स्टैंड के अंदर भी सिटी बसें खड़ी हाेने लगी है। टकराव की स्थिति काे देखते हुए निजी बस मालिक स्टेट कैरिज रूट पर सिटी बस के परिचालन का विराेध में फिर से हड़ताल में जाने की तैयारी कर रहे हैं। निजी बसाें काे जिला परिवहन अधिकारी के कार्यालय के सामने खड़ी करके व्यवस्था सुधारने की मांग की जा रही है।
25 काे बैठक में हाे सकती है हड़ताल की घाेषणा
काेरबा में शहरी क्षेत्र के बजाए स्टेट कैरिज रूट व दूसरे कलस्टर चांपा तक जाकर सिटी बस चलाने काे लेकर प्रदेश बस मालिक संघ ने भी आपत्ति जताई है। निजी बस मालिकाें ने सिटी बस का पुनर्संचालित शुरू हाेने से पहले इस तरह की आपत्ति की थी। लेकिन परिवहन विभाग ने आपत्तियाें काे दरकिनार करके परमिट जारी कर दिया। काेरबा के मामले काे लेकर प्रदेश बस मालिक संघ ने 25 मार्च काे रायपुर में बैठक बुलाई है। जाे तैयारी चल रही है उसके अनुसार बैठक में जिला स्तर पर या प्रदेश व्यापी बस हड़ताल की घाेषणा की जा सकती है।
प्रतिदिन चलती हैं 200 निजी बसें
निजी बस मालिकाें के मुताबिक शहर के नया व पुराना बस स्टैंड से प्रतिदिन 2 साै निजी बसाें की आवाजाही हाेती है। निजी बसाें का सबसे ज्यादा दबाव काेरबा-कटघाेरा व काेरबा-चांपा रूट पर है। जाे स्टेट कैरिज रूट है, इसलिए कटघाेरा रूट पर प्रत्येक 10 मिनट में एक निजी बस चलती है। चांपा रूट पर प्रत्येक 15 मिनट पर।
नया परमिट नहीं, पूर्व के अनुसार ही बसों का संचालन हो रहा है
सिटी बस सेवा के नाेडल अधिकारी एके शर्मा के मुताबिक सिटी बस सेवा के पुनर्संचालित के लिए काेई नया परमिट नहीं लिया गया है। पुराने परमिट का ही नवीनीकरण कराया गया है। इसलिए पूर्व के अनुसार ही सिटी बसाें का संचालन किया जा रहा है। निजी बस मालिकाें का सिटी बस ऑपरेटर काे बढ़ावा देने का आराेप सरासर गलत है। आगे जरूरत के हिसाब से नए रूट के लिए परमिट लिए जाएंगे।
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