कोरबा,20 मार्च । छत्तीसगढ़ में अचानक से मौसम बदलने से पूरा माहौल बदल गया हैं जहां इस वक्त तपती धूप हुआ करती हैं वहीं अचानक बारिश होने से कोहरे के साथ ठंड लगने लगी हैं वहीं इसका असर कोरबा जिले में भी काफी असर देखने को मिल रहा जिले में आसनक से बीती रात में झमा झम बारिश होने से लोगों की मुसिबत बढ़ गई बारिश के कुछ देर बाद ही एक परिवार कई घंटो तक बंधक बन कर एक कमरे में बैठा रहा जी हा मामला हैं।
कोरबा के दादर खुर्द का जहां ज़मीन में रेंगने वाली मौत कोबरा सांप अचानक से एक छोटे से कमरे में घूस गया वहीं परिवार की महिला खाना बनाने की तैयारी कर रही थीं जब अचानक से कोबरा पर नज़र पड़ी तो परिवार की जान अटक गई और डरे सहमे पूरा परिवार भाग कर एक किनारे बने पठार पर बैठ गया और सांप से जाने की प्रार्थना करने लगें पर वह कोबरा चौखट पर ही फन फैलाए बैठ गया मानो परिवार वालों को बंधक बना लिया हो, किसी तरह मदद के लिए बगल वालों को इसकी जानकारी दी।
जिसके पश्चात पड़ोसी हर्षल पटेल ने इसकी जानकारी स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को दिया और बताया साप एक किराने बैठ गया हैं और परिवार वाले अन्दर फस चुके हैं, जितेंद्र सारथी ने हल्की हल्की बारिश होने की वजह से थोड़ी देर में पहुंचने की बात कहीं आखिरकार एक घण्टे के पश्चात जितेन्द्र सारथी मौके पर पहुंचे और कमरे में प्रवेश किया जिसको देख बंधक बनी महिला फूट फूट कर रोने लगीं और बचा लेने की गुहार लगाने लगी फ़िर सारथी ने उनको समझाया तब जाकर उनका डर कम हुआ जिस वक्त कमरे में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था।
वही बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थीं फिर सुरक्षित तरीके से उसे डिब्बे में बंद किया और और परिवार को निचे आने को बोला गया, एक घंटो दहशत में रही महिला सरस्वती यादव ने पुरी आप बीती बताई और बार बार नम आशु के साथ कहने लगीं ” हमर आज जान बचा लेंहे बेटा “फिर सभी ने राहत भरी सास ली और जितेंद्र सारथी का धन्यवाद ज्ञापित किया थोड़ी देर पश्चात फिर उसे जंगल में छोड़ दिया गया।
यादव परिवार सुबह ही आए थे किराए में रात को खाली कर दिए
सरस्वती यादव का परिवार कहीं बाहर से कमाने खाने के लिए कोरबा आए थे जो की सुबह ही दादरखुर्द में मकान लेकर सुबह ही किराए में रहने लगे थे पर उन्हें क्या मालूम था उनका सामना कोबरा साप से ऐसे सामना होगा, एक घण्टे के दहशत भरे पल ने उनके दिमाग़ में इतना डर भर दिया की साप के रेस्क्यू के कुछ मिनटों बाद ही घर को ख़ाली कर दिया और अपने दामाद के घर चले गए।
जितेन्द्र सारथी ने समस्त प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया से विशेष रूप से निवेदन किया गया है की रेस्क्यू हेल्प लाइन नंबर 8817534455,7999622151 को प्रकाशित करे, देखा गया हैं की अभी भी बहुत लोगों के पास हमारा नंबर नहीं होने की वजह से लोग यहां वहा नंबर मांगते रहते हैं जिसकी वजह से लोग लगातार परेशान होते रहते हैं।
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