एक खसरे के 26 टुकड़े, राजस्व विभाग की आंख में धूल झोंककर बेचे प्लॉट

कैपिटल गेन का भी बनेगा मामला

रायगढ़ । मेडिकल कॉलेज की लोकेशन लोहरसिंग से छोटे अतरमुड़ा में पहाड़ किनारे शिफ्ट होने के पीछे कई भू-माफियाओं की मंडली है। यहां जिनकी जमीनें थी उन लोगों ने ही लॉबिंग करके इस प्रोजेक्ट को मटियामेट किया।

अब उनकी जमीनें कई टुकड़ों में डायवर्सन करने के बाद बिक गई हैं। एक ही खसरा नंबर के 26 टुकड़े सामने आए हैं। इसमें से कुछ रजिस्ट्रियां तो हाल के दो-तीन सालों में हुई हैं। इसमें भी अनिल केडिया ने अपने हाथ सेंक लिए हैं। शहर का शायद ही कोई कोना बचा होगा जहां अनिल केडिया ने प्लॉटिंग नहीं की हो। मेडिकल कॉलेज के सामने खसरा नंबर 194 की कहानी तो और भी चौंकाने वाली है।

इस खसरे नंबर का एक टुकड़ा 194/1 रकबा 0.4901 हे. नरसिंह लाल केडिय़ा और मनोज बंसल के नाम पर है। अनिल केडिया के पिता का नाम ही नरसिंह केडिय़ा है। इसके बाद इस खसरा नंबर के 27 टुकड़े दिख रहे हैं, जिसमें से 194/3 रकबा 0.0281 हे. सुमित कुमार अग्रवाल, 194/4 रकबा 0.0275 हे. अमित कुमार गोयल, 194/5 रकबा 0.0113 हे. मनदीप कौर गुजराल, 194/6 रकबा 0.0113 हे. तजिंदर कौर गुजराल, 194/7 रकबा 0.0135 हे. अनुभव अग्रवाल, 194/8 रकबा 0.0135 हे. अनुराग जिंदल, 194/9 रकबा 0.0126 हे. राकेश अग्रवाल, 194/10 रकबा 0.1932 हे. व 194/11 रकबा 0.1760 हे. सुलोचना देवी मोदी, 194/12 रकबा 0.1023 हे. विकास अग्रवाल, 194/13 रकबा 0.1023 हे. दिनेश अग्रवाल, 194/14 रकबा 0.1021 हे. प्रिया अग्रवाल, 194/15 रकबा 0.1774 हे. प्रशांत अग्रवाल, 194/17 रकबा 0.0283 हे. अनिल अग्रवाल व दीपिका अग्रवाल, 194/18 रकबा 0.0077 हे. 194/19 रकबा 0.0342 हे., 194/20 रकबा 0.0077 हे. शंकरलाल चावला, 194/21 रकबा 0.1053 हे. मनीष बंसल, 194/22 रकबा 0.0464 हे. सोनल केडिय़ा, 194/23 रकबा 0.1020 हे. अनिल केडिय़ा, 194/24 रकबा 0.1336 हे., 194/25 रकबा 0.0092 हे. मनीष बंसल, 194/26 रकबा 0.1403 हे. मीतू अग्रवाल व प्रिया अग्रवाल, 194/27 रकबा 0.1403 हे. कमल अग्रवाल को बेची गई है। 194/2 रकबा 2.6110 हे. शासकीय भूमि है जो इससे लगी हुई है।

सबको दिखता है, लेकिन प्रशासन ने आंखें मूंदीं

मेडिकल कॉलेज के आसपास बेतरतीब तरीके से जिस तरह निर्माण हो रहे हैं, वह प्रशासनिक अनदेखी का ही परिणाम है। बीते तीन सालों में रायगढ़ जिले ने दुर्दशा ही देखी है। नियमों को तोड़-मरोडक़र रईसों के हिसाब से बदल देने के हजारों मामले हैं।

मेडिकल कॉलेज के सामने अवैध प्लॉट कटते रहे और अफसरों ने खामोशी ओढ़ ली है। राजस्व अभिलेख सब बयां कर रहे हैं।