रायपुर ,06 मार्च । रायपुर नशे की गिरफ्त में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। नशे के सौदागर स्कूल-कॉलेज के आसपास की जगह को चुनते हैं। वहां अपना अड्डा बनाते हैं और संपन्न परिवारों के बच्चों को अपना निशाना बनाकर धीरे-धीरे उन्हें नशे की गिरफ्त में ले नशे का आदी कर देते हैं। नशे की जरूरत पड़ने पर वह मासूम, जब उनसे उधारी ले लेता है तो, उस पर मनमाना ब्याज चढ़ाकर धमका कर वसूली की जाती है। उनकी पूरी गिरफ्त में आने का यही उनका एक माध्यम है।
छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन के चेयरमैन डॉ अशोक अग्रवाल ने कहा कि समता कॉलोनी निवासी 19 वर्षीय प्रियांशु सांवरिया के साथ भी यही हुआ। उनके परिजनों ने स्वीकार किया कि उसने कभी बताया नहीं कि उसे किसी का पैसा देना है। परंतु दुर्घटना होने के बाद उसके एक दोस्त ने बताया की अपराधियों से उसने ₹1500 उधारी लिया था, जिसके बदले में 2 दिन पहले ही 1600 रुपए लौटा दिए थे। लेकिन गुंडागर्दी करने वालों को यह कहां मंजूर था कि कोई बच्चा उनकी गिरफ्त से बाहर चले जाए। इसलिए वे उससे ₹2000 की और डिमांड कर रहे थे। प्रियांशु को इस प्रकार दबाव में ₹2000 देना मंजूर नहीं था। उसके ना कर देने पर, उसे पहले तो धमकाया गया और कुछ घंटों बाद उसे कैची मारकर उसकी हत्या कर दी गई।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि प्रियांशु की जगह और कोई भी इनके गिरफ्त में आ सकता है। इसलिए सबको मिलजुल कर इस नशे के खिलाफ जोर शोर से आवाज उठानी पड़ेगी। जहां-जहां स्कूल कॉलेज या इस प्रकार के शैक्षणिक गतिविधियां संचालित हैं वहां, पान ठेला, रेस्त्रां, कैफे इत्यादि पर प्रशासन कड़ी निगाह रखें और अपराधिक तत्वों के जमावड़े पर रोक लगाए, कढ़ाई से ही इसका निदान संभव है। उन्होंने कहा कि राजधानी का समग्र अग्रवाल समाज इस घटना से उद्वेलित है और प्रशासन को जगाने के लिए एक आक्रोश रैली के माध्यम से, ऐसे तत्वों के खिलाफ फास्टट्रैक में मुकदमा चलाए जाने की मांग के साथ, सोमवार प्रातः 11 समाज के 400-500 लोगों ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
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