KORBA : छत्तीसगढ़ गठन के सवा दो दशक बाद भी आकांक्षी जिला कोरबा के चिर्रा – श्यांग तक नहीं बन सकी 12 किमी सड़क

.0हाथी प्रभावित पथरीली मार्ग से जान हथेली पर लेकर आवागमन कर रहे दर्जनों गांव के 20 हजार ग्रामीण ,रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने दागे सवाल ,लोक निर्माण विभाग मंत्री को 17 मार्च को देना होगा जवाब,जानें पूरा मामला …..

कोरबा,06 मार्च । राज्य गठन के सवा दो दशक बाद भी आकांक्षी जिला कोरबा के कुदमुरा से श्यांग मार्ग के श्यांग से चिर्रा तक 12 किलोमीटर सड़क नहीं बन सकी। इस दौरान 15 साल भाजपा शासन काल एवं 7 साल कांग्रेस सत्ता में ( है) रही।जिले की सीमावर्ती बीहड़ जंगलों के बीच इस हाथी प्रभावित पथरीली जर्जर मार्ग में लोग जान हथेली पर लेकर आवागमन कर रहे। अब क्षेत्रीय (रामपुर विधानसभा )के विधायक ननकीराम कंवर ने जिले की इस सड़क को लेकर सदन में सवाल दागे हैं। लोक निर्माण विभाग मंत्री 17 मार्च को सदन में सवालों का जवाब देंगे। दर्जनों गांव के प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित 20 हजार से अधिक ग्रामीणों की नजरें सदन में दिए जाने वाले जवाब पर टिकी होंगीं।

यहां बताना होगा कि देश के 110 पिछड़े आकांक्षी जिलों में शामिल कोरबा जिले की सीमावर्ती क्षेत्र श्यांग से कुदमुरा मार्ग में चिर्रा से श्यांग 12 किलोमीटर तक की सड़क आजादी के 7 दशक बाद भी नहीं बन सकी। अविभाजित मध्यप्रदेश शासनकाल से लोक निर्माण विभाग के इस सड़क के डामरीकरण की आश इंतजार में बढ़ती चली गई। पृथक राज्य के रूप में अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ राज्य के गठन से क्षेत्र के बाशिंदों में उम्मीद की किरण जागी । लेकिन राज्य गठन के 22 साल बाद भी चिर्रा से श्यांग 12 किलोमीटर का हिस्सा आज भी तैयार नहीं हो सका। स्थानीय जानकार ग्रामीणों की माने तो लोक निर्माण विभाग ने इस मार्ग पर राज्य गठन के बाद दो बार 2004 -05 एवं 2013 -14 में मार्ग में डब्ल्यूबीएम किया,लेकिन बीटी (डामरीकरण)आज पर्यन्त नहीं हो सकी।

इसके पूर्व 1986 -87 में भी मार्ग में डब्ल्यूबीएम किए जाने की बात बताई जा रही है। डामरीकरण नहीं होने की 12 किलोमीटर पथरीली मार्ग में आवागमन अत्यंत जटिल एवं जानलेवा बना हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो सक्ति से करतला -कुदमुरा -बरपाली -चिर्रा श्यांग कुटुरुवां होते हुए उदयपुर तक सड़क निर्माण के लिए भी सर्वे हुआ था। लेकिन वो भी ठंडे बस्ते में चला गया। हर विधानसभा चुनाव में यह मार्ग एक प्रमुख मुद्दा रहता है। लिहाजा विधानसभा चुनाव से पूर्व अंतरिम सत्र में क्षेत्रीय विधायक ननकीराम कंवर ने इसे लेकर विधानसभा में सवाल दागे हैं। श्री कंवर ने ऑनलाइन तारांकित प्रश्न क्रमांक 3586 के माध्यम से लोक निर्माण विभाग से कोरबा जिले के कुदमुरा श्यांग रोड ,चिर्रा से श्यांग तक 12 किलोमीटर तक सड़क निर्माण की स्वीकृति के संदर्भ में जानकारी मांगी है। 17 मार्च को लोक निर्माण विभाग मंत्री इससे जुड़े सवालों का जवाब देंगे।

दर्जनों गांव के 20 हजार की आबादी प्रभावित ,हाथी प्रभावित मार्ग ,अनहोनी की बनी रहती है आशंका

यहां बताना होगा कि इस मार्ग से चिर्रा,पतरापाली ,एलांग ,सिमकेंदा ,गुरमा, ढेंगुरडीह,ठेंगरीमार,श्यांग, छिरहुट,बलसेंघा ,अमलडीहा ,तीतरडांड, नकिया ,विमलता ,सरसाडेवा की 20 हजार की आबादी प्रयत्क्ष तौर पर प्रभावित है।यहाँ बताना होगा कि यह क्षेत्र हाथी प्रभावित क्षेत्र है । दर्जनों ग्रामीण इस मार्ग में आवागमन करते जान गंवा चुके हैं। पथरीली मार्ग की हालत इस कदर खराब है कि बैलगाड़ी भी चलना मुश्किल है। ऐसे में आपात स्थिति में स्वाथ्यगत सेवाओं के लिए गए चारपहिया वाहनों की इस मार्ग में दम निकल जाती है। गलती से वाहन खराब हो जाए तो वाहन को ठीक करने से ज्यादा मार्ग में हाथी व भालू न आ जाए इसका भय लोगों को सताता रहता है।

दागे ये सवाल

रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने कोरबा जिले के कुदमुरा श्यांग रोड ,चिर्रा से श्यांग तक 12 किलोमीटर तक सड़क निर्माण की स्वीकृति के संदर्भ में 3 बिंदुओं पर सवाल दागे हैं। इनमें अ. कोरबा जिले के कुदमुरा श्यांग रोड चिर्रा से श्यांग तक 12 किलोमीटर की स्थिति क्या है। ब .उक्त सड़क निर्माण के संबंध में विधानसभा के बजट में कब कब शामिल किया गया है। किस सदस्य के द्वारा उक्त सड़क का निर्माण हेतु प्रस्ताव दिया गया है उसकी स्वीकृति आदेश शासन के द्वारा दे दिया गया है या नहीं यदि नहीं दिया गया है तो कब तक स्वीकृति आदेश दिया जाएगा। स . उक्त सड़क का निर्माण कब प्रारम्भ कराया जावेगा।