शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का अंतिम आम बजट 1 मार्च को

भोपाल ,01 मार्च । शिवराज सरकार अपने चौथे कार्यकाल का अंतिम बजट (वित्तीय वर्ष 2023-24) आज विधानसभा में प्रस्तुत करेगी। जिसमें राज्य सरकार लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा करने के साथ लाड़ली बहना, प्रधानमंत्री आवास शहरी एवं ग्रामीण, नलजल योजना सहित बड़े वर्ग को प्रभावित करने वाली अन्य योजनाओं के लिए बजट का प्रविधान करेगी। इस बार का बजट लगभग 3.20 लाख करोड़ रुपये का होने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश विधानसभा में पहली बार पेपरलेस बजट (ई-बजट) होगा। जहां वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा टैबलेट में पढ़कर बजट भाषण देंगे, तो विधायकों को भी टैबलेट दिए जाएंगे। वहीं अधिकारियों एवं अन्य को पेनड्राइव में बजट दिया जाएगा। विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में सुबह कैबिनेट की बैठक होगी। जिसमें बजट भाषण का अनुमोदन किया जाएगा। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार ने 2.79 लाख करोड़ का बजट प्रस्तुत किया था।

मध्य प्रदेश में करीब 21 दिन चली विकास यात्रा के बहाने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्रियों ने जनता की नब्ज टटोली है। स्थानीय स्तर पर कई कार्यों को मंजूरी दी गई है, तो बड़े वर्ग को प्रभावित करने वाली कई घोषणाएं भी की गई हैं। इन सभी घोषणाएं की पूर्ति के लिए बजट में राशि का प्रविधान किया जाएगा। इसमें सबसे बड़ी योजना लाड़ली बहना है। करीब सवा करोड़ महिलाओं को प्रभावित करने वाली इस योजना पर 12000 करोड़ रुपये सालाना खर्च होंगे। बजट में इस राशि का प्रविधान किया जाएगा। सरकार पांच लाख डिफाल्टर किसानों का ब्याज भी माफ करने जा रही है। इन किसानों ने विभिन्न बैंकों से कृषि ऋण लिया था, जो समय पर न चुका पाने के कारण डिफाल्टर हो गए। यह राशि पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक है। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के लिए भी बजट में राशि का प्रविधान किया जाएगा। इस योजना में बुजुर्ग यात्रियों को हवाई जहाज से मथुरा-वृंदावन और प्रयागराज की यात्रा इसी माह से शुरू की जा रही है।

बजट में प्रधानमंत्री आवास शहरी और ग्रामीण, नल-जल योजना, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के युवाओं को लिए प्रारंभ की गई स्वरोजगार योजना के लिए भी राशि का प्रविधान किया जा रहा है। विकासक (डबलपर) और भू-स्वामी के बीच होने वाले अनुबंध पर लगने वाले स्टांप शुल्क को भी सरकार कम करने जा रही है। वर्तमान में परियोजना की लागत का 2.5 प्रतिशत शुल्क लिया जा रहा है। ऐसे ही निम्न आय वर्ग को उसके लिए बनाए जाने वाले मकानों की रजिस्ट्री में भी छूट देने की तैयारी है। बजट भाषण में वित्त मंत्री इसकी घोषणा कर सकते हैं। प्रदेश में पिछले 23 साल में बजट में 20 गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश सरकार ने 16 हजार करोड़ का बजट प्रस्तुत किया था। जबकि वर्ष 2022 में सरकार ने 2.79 लाख करोड़ का बजट प्रस्तुत किया है।