नई दिल्ली,26 फरवरी । भारतीय टीम के प्रमुख ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट के बाद फ्लाइट में सह-यात्री संग हुई मजेदार बातचीत का खुलासा किया। अश्विन ने बताया कि बहु-प्रतीक्षित सीरीज में टेस्ट के जल्दी खत्म होने पर व्यक्ति ने अपनी निराशा व्यक्त की।
रविचंद्रन अश्विन ने जोर देकर कहा कि दोनों टेस्ट ऐसी पिच पर नहीं खेले गए थे, जहां मैच जल्दी खत्म होने की उम्मीद हो, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजों की बदलती सोच पर कोई जजमेंट देना सही नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई टीम से उम्मीद थी कि वो भारत में मेजबान टीम को कड़ी चुनौती देगी।
ऑस्ट्रेलिया दोनों टेस्ट में फेल
हालांकि, रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली भारतीय टीम के सामने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने सरेंडर किया और दोनों टेस्ट गंवा दिए। ऑस्ट्रेलिया को नागपुर टेस्ट में एक पारी और 132 रन की शिकस्त मिली। वहीं दिल्ली टेस्ट में मेहमान टीम को 6 विकेट की शिकस्त मिली।
अश्विन ने क्या कहा
रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘मुझे लगा था कि अगर हम पहले सत्र में 5 विकेट निकाल लेंगे तो करीब 150-160 रन के लक्ष्य का पीछा करना होगा। यह मेरे दिमाग में चल रहा था। अंत में हम उन्हें पहले सत्र के खत्म होने से पहले ऑलआउट करने में सफल रहे। मैं फ्लाइट में किसी से मिला, जिसने पूछा, ‘आप लोग। मैच तीन दिन में खत्म क्यों किया?’ मुझे दुख हुआ।’
दो चीजें बदली
अश्विन ने अपने जवाब में सह-यात्री से कहा कि जब लंबी पारी या तेजी से रन बनाने की बात होती है तो बल्लेबाजों की मानसिकता बदलती है। उन्होंने कहा, ‘सर, दो चीजें बदल गई हैं। पहली तो क्रिकेटर्स की मानसिकता। वो इन दिनों तेजी से क्रिकेट खेलना चाहते हैं। वो जल्दी रन बनाना चाहते हैं। इन दिनों क्रिकेटर्स समय नहीं लेते और तेजी से रन बनाते हैं। मगर इस कारण हम दोनों सोच की तुलना नहीं कर सकते और जज नहीं कर सकते कि कौन बेहतर है। हम कभी पीढ़ी की तुलना नहीं करते।’
ऑफ स्पिनर ने आगे कहा, ‘दूसरी बात, दोनों टेस्ट तीन दिन में खत्म नहीं होने चाहिए थे।’ अश्विन और जडेजा मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शानदार फॉर्म में हैं। दोनों ने दो टेस्ट में मिलकर 31 विकेट लिए। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट 1 मार्च से इंदौर में खेला जाएगा।
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