Raigarh News : श्रीमद् भागवत में धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव

रायगढ़ ,25 फरवरी  खरसिया के ग्राम दर्रामुड़ा में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का भक्तिमय आयोजन किया जा रहा है। जहां कथावाचक परम श्रद्धेय पंडित पंकज तिवारी  महाराज के मुखारविंद से भक्ति धारा प्रवाहित हो रही है। कथा के चौथे दिन 24 फरवरी शुक्रवार को कथावाचक  तिवारी  महाराज द्वारा वामन अवतार, रामावतार, श्रीकृष्ण जन्म की कथा एवं नंदोत्सव का वर्णन किया गया। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इस दौरान कथा स्थल पर धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया।  इस अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की सुंदर झांकियां निकाली गई। झांकी निकलते ही श्रद्धालु पुष्प की वर्षा करने लगे और मधुर भजनों की धुनों पर नृत्य करते हुए आनंद प्राप्त किया।

वहीं श्रीकृष्ण के जयकारों तथा ‘नन्द के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की’ जयघोष से वातावरण गूंजमान हो उठा। इधर झांकी में बाबा नंद के सिर पर टोकरी में बैठे नन्हे कृष्ण की एक झलक पाने के लिए पंडाल में बैठे श्रद्धालु आतुर हो उठे। इस दौरान कथा स्थल का पूरा पंडाल गुब्बारों एवं फूलों से ब्रजधाम की तरह सजाया गया था। वहीं छोटे से नंदलाल को देखकर हर श्रद्धालु, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की जय यशोदा लाल की’ जैसे मंगल गीत गाने लगा। संगीतकारों ने सुंदर भजनों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।

उल्लेखनीय है की ग्राम दर्रामुड़ा में श्रीमद् भागवत का कथा का शुभारंभ 20 फरवरी सोमवार को भव्य कलशयात्रा निकालकर किया गया। वहीं 21 फरवरी मंगलवार से दोपहर 03 बजे से राधे कृपा तक परम श्रद्धेय पंडित पंकज तिवारी महाराज के श्रीमुख से कथा का रसपान कराया जा रहा है। प्रतिदिन कथा श्रवण हेतु श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। वहीं श्रद्धालुगण व्यास पीठ में विराजमान पंडित  तिवारी  महाराज का स्वागत कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर रहें हैं।

इसके अलावा आयोजन समिति द्वारा प्रतिदिन श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गई। कथा समापन के पश्चात भोजन ग्रहण करके ही श्रद्धालु अपने घर को जा रहे हैं। दर्रामुड़ा की पावन धरा में बहुत ही सुन्दर ढंग से भव्य पंडाल बनाया गया है। यहां प्रतिवर्ष श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाता है। आयोजन समिति ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है की आप भी ग्राम दर्रामुड़ा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथा श्रवण हेतु अवश्य पहुंचें और पुण्य के भागीदारी बने। इस अवसर पर बड़ी संख्या में माताएं, बहनें व भक्तगण उपस्थित थे।