सत्यनिष्ठा सार्वजनिक जीवन का एक अनिवार्य घटक : ओम बिड़ला

नई दिल्ली,25 फरवरी । लोकसभा अध्यक्ष, ओम बिड़ला ने सिक्किम की राजधानी गंगटोक में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ-सीपीए भारत क्षेत्र के 19वें वार्षिक जोन III सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया। सिक्किम के राज्यपाल, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य; सिक्किम के मुख्यमंत्री, प्रेम सिंह तमांग; राज्य सभा के उपसभापति, हरिवंश; अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष और राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र क्षेत्र-III के अध्यक्ष, पासंग डी. सोना; सिक्किम विधान सभा के अध्यक्ष, अरुण कुमार उप्रेती; भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी; संसद के सदस्य; सिक्किम विधानमंडल के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने असंसदीय व्यवहार और राजनीतिक विचार-विमर्श में अवांछनीय शब्दों के प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं से जनता का लोकतांत्रिक संस्थाओं से विश्वास उठ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सत्यनिष्ठा सार्वजनिक जीवन का एक अनिवार्य घटक है क्योंकि इसका जनमत पर गहरा प्रभाव पड़ता है। श्री बिड़ला ने सुझाव दिया कि राजनेताओं को सदन के अंदर और सदन के बाहर अपने व्यवहार में संयमित और मर्यादित होना चाहिए।

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श्री बिरला ने जोर देकर कहा कि पूरा देश जनप्रतिनिधियों की ओर देखता है; वे जो कहते हैं, जो करते हैं वह एक मिसाल बन जाता है, इसलिए जनप्रतिनिधियों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर और सदन के बाहर जनप्रतिनिधियों का आचरण, व्यवहार और बोले गए शब्द ऐसे होने चाहिए जिससे सकारात्मक संदेश जाए और समाज में आदर्शों की स्थापना हो और यह बात देश की हर लोकतांत्रिक संस्था पर लागू होती है। श्री बिड़ला ने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों और पंचायतों का दायित्व राज्य और राष्ट्रीय स्तर के विधायी निकायों की तरह ही है।