इस्लामाबाद ,22 फरवरी । पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लोकतांत्रिक रास्ते की अनदेखी करते रहे और सैन्य प्रतिष्ठान का समर्थन मांगते रहे तो हो सकता है कि उनका कोई राजनीतिक भविष्य न हो। एक साक्षात्कार में, बिलावल ने कहा, पाकिस्तान का एक इतिहास रहा है जो किसी से छिपा नहीं है। हमारे देश के इतिहास का आधे से अधिक समय प्रत्यक्ष सैन्य शासन और बीच में ट्रांजिशन फेज रहा है। फिलहाल, मेरा मानना है कि पाकिस्तान बुरे दौर से गुजर रहा है और निश्चित रूप से यह किसी भी तरफ जा सकता है।
इसका मतलब लोकतांत्रिक ताकतें को मजबूत करने में सफलता हो सकती है या ये भी हो सकता है कि असंवैधानिक अलोकतांत्रिक ताकतें मजबूत हों। उन्होंने आगे कहा कि इमरान खान सत्ता से बाहर होने के पीछे विदेशी साजिश पर आरोप लगा सकते हैं, लेकिन बात यह है कि उनकी सरकार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव से बाहर किया गया, जो खुद बिलावल के दिमाग की उपज थी क्योंकि वह पूर्व प्रधानमंत्री को हटाने के लिए लोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल करना चाहते थे।
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विदेश मंत्री ने कहा, पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के प्रमुख को पद से हटाने वाला अविश्वास प्रस्ताव एक संस्थागत और लोकतांत्रिक मील का पत्थर था। बिलावल ने कहा कि खान को हटाना और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल (रिटायर्ड) कमर जावेद बाजवा का एक संस्था के तौर पर सैन्य प्रतिष्ठान की ओर से तटस्थता का संकल्प, अब तक के दो सबसे महत्वपूर्ण कदम थे, जिन्होंने अब देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को संक्रमण की स्थिति में डाल दिया है।
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