बिलासपुर, 19 फरवरी। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ प्रथम नियुक्ति तिथि से पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर 20 फरवरी को सभी जिलों में उग्र प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान स्कूलों में ताले बंद रहेंगे।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 2004 से नई पेंशन लागू की गई थी। सरकारी छल ही है कि देश, प्रदेश में नई, पुरानी दो पेंशन लागू थी। सर्वमान्य सत्य है कि नीति नियंताओं को पुरानी व कार्मिकों को नई पेंशन देना तय किया गया। समय के साथ कार्मिक खाली हाथ रिटायर होते गए। आंशिक पेंशन में रिटायर होते गए, ऐसे में नई पेंशन का विरोध शुरू हुआ, जो अब देश भर में जारी है।
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छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मी 1998 से नियमित भर्ती हुए, पर उन्हें पेंशन योजना में शामिल नहीं किया गया। 2004 में नई पेंशन भी शुरू नहीं किया गया। समयांतर में लगातार जीपीएफ कटौती की मांग करने पर एक अप्रैल 2012 से नई पेंशन लागू की गई। यह जारी रहा मार्च 2022 तक।इस बीच जागरूकता के कारण छत्तीसगढ़ में भी जोर शोर से पुरानी पेंशन की मांग जोर पकड़ चुका था। इसे संज्ञान में लेते हुए, राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाकर छत्तीसगढ़ ने राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन देने की घोषणा की, जिसका कार्मिकों ने जोरदार स्वागत किया। मुख्यमंत्री की यह क्रीम योजना जब जमीन में घाघ अफसरों ने उतारा तो खासकर शिक्षकों की हवाइयां उड़ गई।
शासन द्वारा अप्रैल 2022 से ही नई पेंशन की कटौती बंद कर दी गई है। उसके बदले अब तक पुरानी पेंशन के लिए अलग अकाउंट में राशि जमा किया जा रहा है। इसका सीधा सा मतलब है कि जिनकी नई पेंशन की कटौती बंद की गई। उन सभी को नई पेंशन की कटौती तिथि से पुरानी पेंशन मिलेगी, किन्तु केंद्र व राज्य सरकार की फसाद में अधिकारियों ने एलबी संवर्ग के शिक्षको के लिए शासकीय कर्मचारी शब्द का पेंच डालकर उन्हें फर्श पर गिरा दिया। प्रथम नियुक्ति तिथि से पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर शिक्षक संघ प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे।
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