संस्कार-सिद्धांतों पर अडिग रह कर लिए गये फैसले ही व्यक्ति को महान बनाते हैं : अमित शाह

नागपुर ,18 फरवरी । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में स्वतंत्रता सेनानी और ‘लोकमत’ के संस्थापक जवाहरलाल दर्डा के जन्म शताब्दी वर्ष एवं ‘लोकमत नागपुर संस्करण’ के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। अमित शाह ने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की दीक्षा भूमि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी साथ ही रेशम बाग में डॉ. हेडगेवार व गुरुजी को पुष्पांजलि अर्पित की। लोकमत ग्रुप के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित समारोह में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और लोकमत मीडिया ग्रुप के अध्यक्ष व पूर्व सांसद विजय दर्डा सहित अनेक व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

अमित शाह ने सभी देशवासियों को आज महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि सत्य, साहस व सातत्यता इन तीनों गुणों को आत्मसात करने की कार्य पद्धति बनाना, एक अखबार के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। लोकमत ग्रुप के संचालकों ने भी इन तीनों गुणों को आत्मसात कर अपनी कार्यपद्धति बनाई। उन्होंने कहा कि लोकमत ने मासिक से लेकर पाक्षिक,साप्ताहिक और दैनिक संस्करण तक की यात्रा बखूबी तय की तथा वर्तमान में टीवी और ऑनलाइन संस्करण के साथ-साथ अब सोशल मीडिया के माध्यम से भी सूचना को लोकप्रिय और लोकभोग्य बना रहा है। शाह ने कहा कि पत्रकारिता धर्म को संभालते हुए पत्रिका को लोकप्रिय बनाए रखने के साथ-साथ मुनाफा कमाना एक बहुत कठिन काम है जिसे लोकमत समूह ने बहुत अच्छे से किया है, इसके लिए लोकमत समूह को शुभकामनाएं।  

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र का पत्रकारिता के क्षेत्र में एक बहुत उज्जवल इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि मराठी पत्रकारिता के जनक बाल शास्त्री जांभेकर ने वर्ष 1832 में सर्वप्रथम ‘दर्पण’ नामक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 1881 में ‘केसरी’ पत्रिका की शुरूआत की जिसने न केवल महाराष्ट्र बल्कि समग्र देश में आजादी की चेतना जागृत करने का काम किया। इसके माध्यम से स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक के विचार महाराष्ट्र के साथ-साथ देश भर के युवाओं तक पहुंचे। शाह ने कहा कि लोकमत भी इसी परंपरा से जुड़ा हुआ है क्योंकि लोकमान्य तिलक ने ही लोकमत का नामकरण किया।  

अमित शाह ने कहा कि जीवन में संस्कार और सिद्धांतों पर अडिग रह कर लिए गये फैसले ही व्यक्ति को महान बनाते हैं, जवाहरलाल दर्डा ने आपातकाल के सामने मजबूती से खड़े रहकर अपनी दृढ़ संकल्प शक्ति का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मानी जाती है। जब भी समाजिक जीवन में थोड़ी ढ़िलाई आती है तो हर क्षेत्र में पतन देखने को मिलता है लेकिन लोकमत ने ऐसे समय में भी अपने सिद्धांतों के आधार पर अपनी यात्रा को जारी रखा और यहां तक पहुंचाया। शाह ने कहा कि स्वर्गीय जवाहर लाल दर्डा ने आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और लगभग पौने दो साल जेल में भी रहे। इसके साथ-साथ उन्होंने आजादी के बाद राजनीति में रहते हुए एक अच्छी पत्रिका समाज को देने के लिए इसके उच्च मानक तय किए। उन्होंने कहा कि किसी संस्था को सतत चलाने के लिए कुछ सिद्धांत तय करने होते हैं, मगर जवाहरलाल दर्डा ने अपने जीवन के कृत्यों से ही ‘लोकमत’ के लिए उच्च मानकों को गढ़ा।

अखबार चलाने के लिए बहुत बड़े यत्न व प्रयासों की आवश्यकता होती है : अमित शाह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि अखबार चलने से संस्थापक की बहुत प्रसिद्धि होती है लेकिन किसी भी अखबार को चलाने के लिए बहुत बड़े यत्न व प्रयासों की आवश्यकता होती है। आज लोकमत के संस्थापकों ने इस संस्था के हर क्षेत्र में काम करने वाले सहकर्मियों को सम्मानित कर एक बहुत अच्छी परंपरा स्थापित की है। उन्होंने कहा कि एक पूर्ण टीम लीडर वही होता है जो संवेदना के साथ पूरी टीम का सम्मान करने की भावना के साथ टीम का विश्वास अर्जित करता है और ऐसा टीम लीडर ही लोगों का भी विश्वास जीत सकता है। शाह ने अपने योगदान के लिए सम्मानित हुए सभी वरिष्ठ कर्मियों को उनके पचास साल तक किए गये कार्य के लिए प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल द्वारा बोया गया लोकमत का यह बीज आज एक विशाल वट वृक्ष बन गया है जो भारत में रोज सवा दो करोड़ पाठकों के हाथ में जाने वाला देश का छठा सबसे बड़ा व महाराष्ट्र और गोवा में नंबर एक अखबार बन गया है।  शाह ने कहा कि महाराष्ट्र, गोवा और दिल्ली के छह करोड़ से ज्यादा दर्शक लोकमत टीवी चैनल देखते हैं और अब लोकमत डिजिटल मीडिया में पदार्पण कर चुका है।

सरकारी न होकर 130 करोड़ जनता का कार्यक्रम बना आजादी के अमृत महोत्सव
गृहमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव को एक सरकारी कार्यक्रम न बनाकर इसे 130 करोड़ जनता का कार्यक्रम बनाने का काम किया है। पिछले एक साल के अंदर देश के हर स्कूल, कॉलेज में आकार ले रही नई पीढ़ी के मन पर आजादी के अमृत महोत्सव की एक अमिट छाप छोड़ने का काम हुआ है जो आज भी जारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव में देश की जनता के सामने तीन लक्ष्य रखे। पहला- हमारी नई पीढ़ी के बच्चे,युवा व किशोर आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गये संघर्ष की जानकारी प्राप्त कर उससे गौरव व संस्कार लेकर अपने जीवन को गढ़ने की संकल्पना करें। दूसरा- भारत की 75 साल की सिद्धियों को जनता के सामने रखना और एक आत्मविश्वास से भरे भारत की रचना करना। पिछले 75 वर्षों में देश ने लोकतंत्र को आत्मसात किया है। आज भारत ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तालिका में हमारे देश पर 150 साल से अधिक समय तक राज करने वाले इंग्लैंड को पीछे छोड़ कर पांचवां स्थान हासिल किया है जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले 75 साल में बिना किसी अहंकार के अपने पुरुषार्थ से दुनिया के सामने अपने आपको सिद्ध किया है, यह हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। देश ने शिक्षा, अंतरिक्ष, मैन्यूफ़ैक्चरिंग हब बनने और दुनियाभर की डिफ़ेंस इंडस्ट्रीज़ को भारत में लाने से लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने, टेक्नोलॉजी से गांवों का ट्रांस्फ़ॉरमेशन करने, प्रशासन में टेक्नोलॉजी को आत्मसात कर लोगों की सुविधाएं बढ़ाने व वसुधैव कुटुम्बकम् के संस्कार के साथ समग्र दुनिया की मदद के लिए खड़ा रहने और 60 करोड़ ग़रीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने तक पिछले 75 साल में बहुत कुछ सिद्ध किया है, यह हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। तीसरा – आज़ादी के अमृत काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सामने अगले 25 वर्षों में भारत को हर क्षेत्र में प्रथम बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि संकल्प से सिद्धी के 25 वर्षों में हर व्यक्ति को संकल्प लेकर भारत को दुनियाभर में हर क्षेत्र में प्रथम बनाना है। शाह ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए हम सब एक मन, एक दिशा और एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ें। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने पिछले क़रीब 9 वर्षों में बहुत कुछ हासिल किया है, भारत 70 प्रतिशत आत्मनिर्भरता के साथ दुनिया के सामने मज़बूती से खड़ा है और मेक इन इंडिया के स्वप्न को साकार कर मैन्युफ़ैक्चरिंग का हब बन गया है।

कोरोना महामारी का सफलतापूर्वक सामना करने का ज़िक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और देश की 130 करोड़ जनता की लड़ाई बनाकर कोरोना महामारी पर सफलतापूर्वक विजय हासिल की। उन्होंने कहा कि अर्थ जगत के कई विद्वान यह चर्चा करते थे कि भारत में बहुत बड़ी मंदी आएगी, मंदी आई लेकिन भारत इससे बाहर रहा क्योंकि हमारे देश ने सही अर्थ नीति को अपनाया। शाह ने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री मोदी ने अनाज के गोदामों के दरवाज़े खोलकर दो साल तक 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त अनाज देने का काम किया। उन्होंने कहा कि कई विकसित देश भी 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त अनाज देने का साहस नहीं कर सकते, लेकिन जब देश के नागरिकों के प्रति संवेदना होती है तो फ़ैसले फ़ाइलों पर नहीं बल्कि मन और दिमाग़ से लिए जाते हैं।

वामपंथी उग्रवाद में भी आई कमी : शाह
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा वामपंथी उग्रवाद में भी बहुत कमी आई है। पहले उच्चतम स्तर पर 160 ज़िले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे आज इनकी संख्या सिर्फ़ 46 रह गई है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद संबंधी हर प्रकार की हिंसा में औसतन 80 प्रतिशत की कमी आई है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की तरह ही बिहार और झारखंड भी वामपंथी उग्रवाद से लगभग मुक्त हो गए हैं। एक छोटा सा इलाक़ा बचा है जहां हमारे केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवान वामपंथी उग्रवाद का डटकर सामना कर रहे हैं। गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि यहां पर भी भारत सरकार जल्द ही जीत हासिल करेगी। अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में भी पिछले तीन साल में हिंसा में 90 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि आज पूर्वोत्तर में शांति स्थापित हुई और 60 प्रतिशत क्षेत्रों से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व के 8000 से ज़्यादा युवा हथियार डालकर मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं। शाह ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हम सबके सामने 2047 में भारत को दुनियाभर में पहला देश बनाने का जो संकल्प रखा है वह अवश्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि इसकी नींव रखने का काम पूरा हो चुका है अब इस संकल्प को सिद्धी तक ले जाने का समय है।

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