विनाशकारी भूकंप के 212 घंटे बाद मलबे से 77 साल के बुजुर्ग को निकाला ज़िंदा

दिल्ली ,15 फरवरी  तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के 212 घंटे बाद मंगलवार (14 फरवरी) को अदियामन में मलबे से 77 वर्षीय एक व्यक्ति को जीवित बचाया गया। हालांकि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा है कि सहायता के प्रयास का ध्यान उन लोगों की मदद करने की ओर शिफ्ट हो गया है जो अब आश्रय या कड़कड़ाती ठंड में पर्याप्त भोजन की कमी और अन्य परेशानियों का सामना कर रहे हैं। लेकिन बचावकर्ता अभी भी भूकंप के एक सप्ताह से अधिक समय से जीवित बचे लोगों को मलबे के नीचे जमीन से खींच रहे हैं। 

तुर्की और पड़ोसी सीरिया में 6 फरवरी को आई आपदा में मरने वालों की संख्या 41,000 से अधिक हो गई है, जिससे दोनों देशों के शहरों में तबाही मच गई है।  इसके चलते कड़ाके की ठंड में लोग बेघर हो गए हैं। गौरतलब है कि सोमवार यानि 13 फरवरी को तुर्की में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।  भूकंप के झटके इतने तेज रहे कि इंडियन आर्मी के अस्पताल में भी दरारें पड़ गई हैं। कुछ और जगहों से भी नुकसान की खबरें आ रही हैं। इस समय सावधानी बरतते हुए भारतीय सेना के जवान भी बिल्डिंग की जगह टेंट में रह रहे हैं। लोगों से भी यहीं अपील की जा रही है। 

जानकारी के लिए बता दें कि तुर्की और सीरिया में कुछ दिन पहले भूकंप से भारी तबाही देखने को मिली थी. अभी भी जमीन पर रेस्क्यू जारी है और लगातार शव बाहर निकाले जा रहे हैं। इस रेस्क्यू मिशन में भारत ने तुर्की की बड़ी मदद की है।  एनडीआरफ की कई टीमें भेजी गई हैं, राहत सामग्री भी लगातार पहुंचाई जा रही है। भारतीय सेना ने तो तुर्की में अपने अस्पताल भी बना लिए हैं जहां पर घायलों को उपचार मिल रहा है. कुछ दूसरे देश भी अपनी तरफ से तुर्की को सहायता भेज रहे हैं। 

बताते चलें कि तुर्की में पहले भी कई मौकों पर भूकंप आए हैं, लेकिन इस बार का भूकंप ज्यादा तेज रहा, तीव्रता 7 के पार चली गई। दो झटकों ने तुर्की और सीरिया की तस्वीर बदलकर रख दी। इमारतें जमींदोज हो गईं, लोग मलबे में दब गए और कई जिंदगियां हमेशा के लिए खत्म हो गई। 

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