ABVTPS मड़वा की इकाई क्र. 2 ने बनाया विद्युत उत्पादन का नया कीर्तिमान

प्रबंध निदेशक एसके कटियार ने कार्यपालक  निदेशक एसके बंजारा समेत अभियंताओं एवं कर्मचारियों को दी बधाई

जांजगीर 14 फरवरी (वेदांत समाचार)। अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र (एबीवीटीपीएस) मड़वा की 500 मेगावाॅट की इकाई क्रमांक-दो ने एक दिवस में 102.74 प्रतिशत पीएलएफ के साथ सर्वाधिक 12.328 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का नया कीर्तिमान बनाया है। यह कीर्तिमान छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के 500 मेगावाॅट क्षमता की तीन इकाइयों के बीच दर्ज किया गया है। इस उपलब्धि पर प्रबंध निदेशक श्री एसके कटियार ने एबीवीटीपीएस मड़वा के कार्यपालक निदेशक एसके बंजारा समेत अभियंताओं एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए उनके अथक प्रयासों की सराहना की है।


 

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी की अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र मड़वा 1000 मेगावाॅट क्षमता का विद्युत संयंत्र है। जिसमें 500-500 मेगावाॅट क्षमता की दो इकाइयां संचालित हो रही हैं। जबकि हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम की विद्युत उत्पादन क्षमता 1340 मेगावाॅट है, जिसमें विस्तार संयंत्र 500 मेगावाॅट क्षमता की एक इकाई संचालित है।


कार्यपालक निदेशक एसके बंजारा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि एबीवीटीपीएस मड़वा के अभियंताओं एवं कर्मचारियों के लगन व श्रम की वजह से 10 फरवरी 2023 को यह कीर्तिमान दर्ज किया गया है। इस दिन इकाई क्रमांक-दो ने 513 मेगावाॅट क्षमता के साथ औसत लोड पर सर्वाधिक विद्युत उत्पादन किया है। उन्होंने बताया कि इसके पहले यह कीर्तिमान हसदेव ताप विद्युत संयंत्र के नाम था जिसमें विस्तार संयंत्र ने एक दिवस में 102.34 प्रतिशत पीएलएफ के साथ 12.281 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया था। श्री बंजारा ने बताया कि एबीवीटीपीएस मड़वा की इकाई क्रमांक-एक ने भी 16 नवंबर 2022 को एक दिवस में सर्वाधिक 102.01 प्रतिशत पीएलएफ के साथ 12.241 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का कीर्तिमान बनाया था।


कार्यपालक निदेशक श्री बंजारा ने मुख्यालय रायपुर के वरिष्ठ अधिकारियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि कोयले की कम आपूर्ति की वजह से दोनों इकाइयों को संचालित करने में मुश्किलें आ रही हैं। लेकिन निकट भविष्य में विद्युत मांग के पीक अवर एवं गर्मी के मौसम में दोनों इकाइयों को फूल लोड पर चलाया जाएगा। ताकि प्रदेश में किसी भी समय विद्युत की कमी नहीं आएगी।