चिरचिटा के पत्ते के फायदे

चिरचिटा एक गुणकारी पौधा है चिरचिटा पौधे को लटजीरा, चिचींडा और चिरचिटा पौधे के नाम से भी जाना जाता है। लटजीरा और चिरचिटा इस पौधे के हिंदी नाम है। इसे गांव और शहरों के अधिकतर इलाकों में इसी नाम से जाना जाता है। यह पौधा बरसात के समय स्वयं उग जाता है। यह जंगली झाड़ी के समान उग जाता है। यह पौधा खाली जमीन में कहीं पर भी उग जाता है। यह पौधा आपने अपने घर के आस-पास मैदान में या रास्ते में जरूर देखा होगा। 

चिरचिटा के पत्ते को तोड़कर इसका रस निकाल लीजिए और इसके रस को आप अगर दांतों में लगाते हैं, तो आपको दांत संबंधी समस्या में फायदा पहुंचता है। इससे दांत का दर्द ठीक हो जाता है। चिरचिटा के तने से दातुन बना सकते हैं और इस दातुन को रोजाना इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दातुन से दांत हमेशा मजबूत रहेंगे और टूटते नहीं है। चिरचिटा के पौधे की दातुन करने से दांतों का हिलना, मुंह से बदबू आना, मसूड़ों की कमजोरी ठीक हो जाती है और दांत साफ रहते हैं। 

यह भी पढ़े :-सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला संगृहीत पदार्थ, टोमेटो गार्लिक सॉस….

चिरचिटा चर्म रोग में बहुत लाभ देता है। इसके पत्तों को पीसकर फोड़े फुंसी में लगाना चाहिए। जिससे फायदा मिलता है। मुंह के छालों में चिरचिटा का उपयोग किया जा सकता है। चिरचिटा के पत्ते का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है, जिससे मुंह के छालों की परेशानी ठीक हो जाती है। चिरचिटा की पत्ती को पीसकर और गर्म करके संधि शोथ ग्रस्त भाग में लगाने से लाभ मिलता है। चिरचिटा का उपयोग चोट में किया जा सकता है। इसके प्रयोग से चिरचिटा के पत्तों से रस निकालकर चोट लगे स्थान पर लगाना चाहिए, जिससे खून बहना बंद हो जाता है। पुराने घाव को चिरचिटा के पत्तों के रस से ठीक किया जा सकता है और घाव भर जाता है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]