-लोगों का है कहना सरकार की अच्छी पहल, धुंआ रहित तंबाकू उत्पादों के कर में भी बढ़ोत्तरी किया जाना जरूरी
-नशा सेवन छोड़ने पर जिला स्तर पर हुए है सम्मानित अब दूसरों के लिए बने प्रेरणास्त्रोत
रायपुर, 6 फरवरी । छ्त्तीसगढ़ प्रदेश के तंबाकू उत्पादों का सेवन छोड़ चुके लोगों ने वार्षिक बजट में सिगरेट पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (एनसीसीडी) को बढ़ाए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए अन्य तंबाकू उत्पादों के कर में भी वृद्धि किए जाने की सिफारिश की है। तंबाकू नशामुक्ति केन्द्र के माध्यम से नशापान की आदत छोड़ चुके लोगों में शामिल 60 वर्षीय रवि सिंह (परिवर्तित नाम) एवं 33 वर्षीय उषा ( परिवर्तित नाम) का कहना है कि “सिगरेट पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (एनसीसीडी) को बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने की केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणा सराहनीय और निश्चय ही स्वागत योग्य है। इसी तरह सरकार को बीड़ी और धुआं रहित उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर इन प्रयासों को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि ये उत्पाद भी आम लोगों की पहुंच से दूर हो सकेगा। विशेषकर प्रदेश में इसका काफी असर पड़ेगा क्योंकि प्रदेश
में धुंआ रहित तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वालों की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा है।“
तंबाकू धूम्रपान का सेवन नहीं करने के लिए लोगों को प्रेरित करने वाले बिलासपुर के रवि सिंह कहते हैं: “तंबाकू उत्पादों सिगरेट एवं गुटखा का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसकी जानकारी मुझे तब हुई जब मुझे शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ी। इस बुरी आदत की वजह से मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और अस्पताल का लंबा चौड़ा बिल भी भरना पड़ा और दूसरों से उधार लेकर मुझे अपना इलाज भी करवाना पड़ा। किसी ने मुझे “तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र” के बारे में बताया I कुछ माह काउंसिलिंग के बाद ही यह एहसास हुआ की सारी बीमारी की जड़ तंबाकू और विभिन्न तंबाकू उत्पाद ही हैं। तब से मैंने धूम्रपान और तंबाकू के नशा का सेवन को छोड़ने और लोगों को इस बुरी आदत को छोड़ने के लिए प्रेरित करने का प्रण लिया। मैं अब पूरी तरह स्वस्थ्य हूं और लोगों को नशापान, धूम्रपान नहीं करने की सीख देता हूं। वार्षिक बजट में सिगरेट पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (एनसीसीडी) को बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने की केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणा निश्चय ही स्वागत योग्य है। इसी तरह सरकार को बीड़ी और धुआं रहित उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर इन प्रयासों को आगे बढ़ाना चाहिए । साथ ही तंबाकू सेवन छोड़ने वाले संस्थानों की छत्तीसगढ में कमीं है, उसको भी बढ़ाना चाहिए और बढ़े हुए कर के हिसाब से मिले राजस्व का उपयोग भी तंबाकू नियंत्रण के लिए ही होना चाहिए , तभी ये उत्पाद आम लोगों की पहुंच से दूर हो सकेगा।“
इसी तरह कवर्धा जिले की रहने वाली 33 वर्षीय उषा ने बताया उनको भी तंबाकू, गुटखा सेवन की आदत
लग गई परिवार वालों की मदद से उन्हें तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र लाया गया। उषा और उनके परिवार वालों
की काउंसिलिंग हुई और उन्हें कुछ दवाएं दी गईं। जिसके बाद उन्होंने ने तंबाकू और गुटखा का सेवन करना
छोड़ दिया है और अब दोस्तों, रिश्तेदारों को भी इसे छोड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनके इस प्रयास को
देखते हुए एक स्वयंसेवी संस्था ने भी उन्हें संस्थान की कार्यकर्ता का दायित्व भी सौंपा है।
उषा कहती हैं “केंद्रीय वित्त मंत्री की 2023-24 के वार्षिक बजट में सिगरेट पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक
शुल्क (एनसीसीडी) को बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने की घोषणा सराहनीय है। परंतु सिगरेट के साथ-साथ
तंबाकू के अन्य उत्पादों, बीड़ी एवं धुंआ रहित उत्पादों पर भी शुल्क बढ़ाना था। क्योंकि इन उत्पादों का सेवन
करने वालों की संख्या काफी है। उन्होंने बताया “ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS) 2016-17 के अनुसार
छत्तीसगढ़ में 36% धूम्रपान रहित तंबाकू उत्पादों (गुटका गुड़ाखू खैनी आदि) के उपयोगकर्ता करता है एवं
धूम्रपान युक्त तंबाकू उत्पाद( सिगरेट बीड़ी आदि) के उपयोगकर्ता 5.5% है इसलिए धूम्रपान रहित तंबाकू
उत्पादों पर भी कर वृद्धि की जानी चाहिए। हालांकि प्रदेशभर में तंबाकू मुक्ति अभियान स्वास्थ्य विभाग
की ओर से विभिन्न विभागों के समन्वय के साथ चलाया भी जा रहा है। मगर तंबाकू उत्पादों को सर्व सुलभ
नहीं बनाने पर और जोर देते हुए तंबाकू के उपयोग को कम आसान बनाने की अपनी पहल को मजबूत करने
के लिए बीड़ी और धुआं रहित उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर इन प्रयासों को आगे बढ़ाने की जरूरत है, ताकि
लोगों को नशा, तबाकू, गुटखा आदि का सेवन छोड़ने और स्वस्थ्य जीवन जीने की प्रेरणा मिल सके।“
इसी तरह तंबाकू उत्पादों का सेवन छोड़ने वाले अन्य लोगों बिलासपुर जिले के 14 वर्षीय रोशन कुमार
(परिवर्तित नाम) एवं रायपुर जिले की 40 वर्षीय सोनू ने भी केन्द्रीय मंत्री द्वारा वार्षिक बजट में सिगरेट पर
एनसीसीडी शुल्क बढ़ाए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए बीड़ी एवं अन्य तंबाकू धुआं रहित उत्पादों पर
टैक्स बढ़ाए जाने की सिफारिश की है। लोगों का कहना है सिगरेट के समान ही अन्य तंबाकू उत्पादों के कर
में बढ़ोत्तरी होने से यह आम लोगों के लिए कम सुलभ होगा। साथ ही इन उत्पादों के सेवन के गंभीर
परिणामों के प्रति जागरूकता के जरिए इनका सेवन छोड़ेने वालों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी।
2022-23 में अप्रैल से जुलाई 2022 तक 490 ने छोड़ा तंबाकू व तंबाकू उत्पादों का सेवन- स्वास्थ्य विभाग
द्वारा तंबाकू मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में वर्ष 2022-23
यानि अप्रैल 2022 से जुलाई 2022 तक के आंकड़ों को देखें तो प्रदेश के कुल 490 लोगों ने तंबाकू उत्पादों का
सेवन करना छोड़ा है। अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक कुल 79,000 से अधिक लोगों को काउंसिलिंग या
परामर्श मिला और 15,000 से अधिक लोगों को दवाएं भी प्रदान की गई हैं।
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