तौल कराकर सिलेंडर की होम डिलवरी, सिर्फ एक एजेंसी कर रही

कोरबा. शहर में वजन कराकर गैस सिलेंडर की होम डिलेवरी शुरु कर दी गई है। हालांकि अभी सिर्फ इंडियन गैस ने ही यह सुविधा शुरु की है, अन्य कंपनियां अब भी बगैर वजन किए सिलेंडर की आपूर्ति कर रहे हैं।कई गैस सिलेंडर डीलरों की शिकायत इससे पहले आती रही है कि गैस की घटतौली कर सप्लाई की जा रही है। दरअसल एक सिलेंडर से दूसरे सिलेंडर में गैस रिफलिंग करना इतना आसान है कि कई लोग घटतौली करने से बाज नहीं आते हैं।

कई बार सिलेंडर की होम डिलेवरी करने वाले हॉकरों पर कालाबाजारी करते हुए कार्रवाई भी की गई थी। इसके बाद भी शहर में होम डिलीवरी के दौरान तौल शुरु नहीं किया गया था। इंडियन गैस की आपूर्ति करने वाली डीलर कोरबा गैस एजेंसी द्वारा तौल की सुविधा शुरु की गई है। अब होम डिलेवरी से पहले उपभोक्ता के सामने तौल कराने के बाद सिलेंडर दी जा रही है।

अन्य डीलरों पर नहीं बन रहा दबाव
इंडियन गैस के अन्य डीलर अब भी तौल कराए बिना सिलेंडर दे रहे हैं। इसी तरह एचपी, भारत गैस की सप्लाई करने वाले वाहनों में भी तौल मशीन नहीं है। खाद्य विभाग और नाप तौल विभाग द्वारा यह सुनिश्चित नहीं की जा रही है।

उपभोक्ताओं को तौलकर देना, चाहिए सिलेंडर
गाइड लाइन अनुसार हॉकर्स को अपने साथ तोल कांटा रखना जरूरी है। जब भी वह उपभोक्ता के पास सिलेंडर देने जाए, डिलेवरी से पहले उन्हें तोल कांटे पर सिलेंडर तोलकर उपभोक्ता को उसका वजन दिखाना अनिवार्य होता है। अन्य गैस एजेंसियों के वितरक तौल कर सिलेंडर की डिलेवरी करते हैं, तो इससे उपभोक्ता को राहत मिल सकेगी।

दिनभर हॉकर्स घूमते हैं, लेकिन कोई जांच नहीं करता
उपभोक्ताओं तक गैस सिलेंडर पहुंचाने के लिए शहर में दिन भर अलग-अलग कंपनियों के सैकड़ो हॉकर्स सिलेंडर लेकर यहां-वहां घूमते नजर आते हैं।

इसके बावजूद न नापतोल, खाद्य विभाग के अधिकारी सिलेंडर्स की आकस्मिक जांच करते हैं और नहीं एजेंसी या ऑइल कंपनी के सेल्स अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। नतीजतन उपभोक्ता तक सिलेंडर पहुंचने से पहले उसमें से एक-डेढ़ किलो गैस चोरी होने की आशंका बनी रहती है।