कोरिया ,02 फरवरी । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बच्चे और अवैध तस्करी के बीच ड्रग्स और मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम पर विभिन्न विभागों को शामिल करते हुए संयुक्त कार्ययोजना ‘‘एक युद्ध नशे के विरूद्ध‘‘ तैयार की है। इसमें पुलिस, पंचायत, स्वास्थ्य, औषधि नियंत्रक, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, आबकारी एवं जनसंपर्क विभाग को शामिल किया गया है। संयुक्त कार्ययोजना के क्रियान्वयन पर समस्त विभागों से की गई कार्यवाही की समीक्षा हेतु 8 फरवरी को वर्चुअल बैठक आहूत की जावेगी, जिसमें अनिवार्य रूप से सर्व संबंधित विभागों को सम्मलित होना है। इस संबंध में कलेक्टर सह अध्य्क्ष जिला बाल संरक्षण समिति द्वारा सर्व संबंधितों को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र जारी किया गया।
जारी पत्र में बच्चे और अवैध तस्करी के बीच ड्रग्स और मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम पर संयुक्त कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी दी गयी है। देश में बच्चों के बीच नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम की दिशा में आदर्श बदलाव लाने के लिए विभिन्न प्राधिकरण, संस्थाओं और एजेंसियों द्वारा किये प्रयासों को कारगर तथा रणनीतिपूर्ण बनाने के लिए तैयार संयुक्त कार्ययोजना ‘‘एक युद्ध नशे के विरूद्ध‘‘ के तहत बच्चों को नशीली दवाओं के दुरूपयोग से दूर करने और समयबद्ध तरीके से अभिसरण कार्याे के माध्यम से स्कूल शिक्षा और बच्चों की देखभाल करने वाली संस्थाओं के आस-पास के 100 मी. के दायरे में मादक द्रव्य प्रदार्थाे की बिक्री को रोकने व फारर्मास्यूटिकल दवाओं, पदाथों की पहुँच सेे रोकने के लिए रणनीति बनाना तथा हस्तक्षेप करते हुये बच्चों के उनके पहुँच से दूर करना, शामिल है। इसमें सभी हितधारकों एजेंसियों, कर्तव्यधारकों, अधिकारियों, मीडिया और माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका है।
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पहले चरण में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के द्वारा पहचाने गये 272 जिलों में से 31 राज्य के 260 जिलो में नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन में और अवैध तस्करी के रोकथाम पर संयुक्त कार्ययोजना के क्रियान्वयन पर समीक्षा बैठक वर्चुअल रूप से आयोजित की जा चुकी है। उक्त 272 संवेदनशील जिलों में कोरिया जिला भी शामिल है जहां एच-1 और एक्स दवाओं की बिक्री करने वाले फार्मेसी, केमिस्ट की दुकानों पर सीसी टीवी कैमरा लगाया जाना अनिवार्य है।
बच्चों को नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन से संरक्षित किये जाने हेतु किशोर न्याय(बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के धारा 77(किसी बालक को नशीली मदिरा या स्वापक औषधी अथवा मनः प्रभावी प्रदार्थ देने के लिए शक्ति) एवं धारा 78(किसी नशीली मदिरा स्वापक औषधी मनः प्रभावी प्रदार्थ का विक्रय करने, फेरी लगाने, ले जाने, आपूर्ति करने या तस्करी करने के लिए बालक का प्रयोग करना) के अंतर्गत संबंधित विभागों द्वारा कार्यवाही किया जाना है।
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