CG BREAKING : तीन नहीं 2 युवती सहित 4 की जिंदा जलकर हुई मौत, इन चीजों से हुई पहचान

बिलासपुर, 24 जनवरी  बिलासपुर के रतनपुर में हुए कार एक्सीडेंट और जिंदा जलकर मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पीएम रिपोर्ट में चार लोगों के जलकर मौत होने की पुष्टि हुई है। मृतकों में दो युवक और दो युवती शामिल है। चारों पार्टी करने के लिए निकले थे। इस दौरान उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। घटना के बाद कार के भीषण आग लग गई और कार सवार सभी चारों की जिंदा जलकर मौत हो गई।

घटना रतनपुर थाना क्षेत्र के बेलगहना के ग्राम पोंडी और खैरा के बीच की है। पुलिस ने शवों के पोस्टमार्टम व फॉरेंसिक जांच के बाद चौथे मौत की भी पुष्टि आज कर दी। चौथे शव की पहचान 22 वर्षीय विक्टोरिया आदित्य के रूप में हुई हैं। विक्टोरिया के पिता चेतन आदित्य केंद्रीय विद्यालय एनटीपीसी दर्री कोरबा में शिक्षक है। दरअसल, ये पूरी घटना शनिवार की है।

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सिविल लाइन निवासी मृतक अभिषेक कुर्रे ऑटो डीलर था और शनिवार को ही उसकी शादी बेमेतरा की एक लड़की से तय हुई थी। शादी तय होने की खुशी में अपने पत्रकार दोस्त पेंड्रा राजपुर निवासी शाहनवाज खान, कोरबा निवासी विक्टोरिया आदित्य और याशिका मनहर को पार्टी में इनवाइट किया था। सभी शाहनवाज खान की कार CG 10 bd 7861 में सवार होकर पहले अभिषेक कुर्रे के घर सिविल लाइन आये।

इसके बाद एक पब में साथ पार्टी मनाई और फिर सभी शाहनवाज की कार में सवार होकर चपोरा के पास पचरा में स्थित गिन्नी रिसोर्ट जाने के लिए निकले थे। इस दौरान रतनपुर के ग्राम पोड़ी और खैरा के बीच पहुंचे ही थे कि उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि, पूरा इंजन फट गया और कार में आग लग गई। साथ ही कार में रखा कई समान बाहर फेंका गया।

इसके बाद किसी को बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिल सका। सभी की जलने से मौत हो गई। सुबह बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस और एफएसएल की टीम ने गाड़ी से कंकाल निकाले। पुलिस की माने तो मौके से 3 ही कंकाल की स्पष्ट पुष्टि हो पाई थी जबकि चौथे शव का कुछ स्पष्ट सुराग नहीं मिल सका था। परिजन, दोस्तों ने कुछ सामान के आधार पर शहनवाज खान, अभिषेक कुर्रे और याशिका मनहर के शव की पहचान की, जबकि चौथी युवती के शव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।

विक्टोरिया आदित्य के घर की मिली थी चाबी लेकिन सुराग नहीं

थाना प्रभारी प्रसाद सिन्हा ने घटना के बाद मीडिया को बताया था कि एक युवती विक्टोरिया को लेकर अभी भी संदेह बरकरार है। मृतकों के दोस्तों ने जरुर पुष्टि की है कि युवती कार में थी। लेकिन, कार में सिर्फ तीन ही कंकाल स्पष्ट रूप से मिले हैं। हालांकि, युवती के घर की चाबी भी कार में मिली है। जिससे यह आशंका जताई जा रही कि उसकी भी मौत हो गई है।

लेकिन, अब तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया है। कुछ कंकाल कार के सीट से बुरी तरह छिपका हुआ था, जो उस युवती के होने की आशंका जताई जा रही है। दूसरी तरफ दुर्घटना की बात सुन विक्टोरिया आदित्य के पिता व परिजन बिलासपुर पहुँच गए थे। और अपनी बेटी के शव की मांग पुलिस से कर रहे थे।

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दोनों युवतियां कर रही थी PSC की तैयारी

याशिका मनहर पिता भवानी राम (22) निवासी बालको नगर भद्रा पारा जिला कोरबा की रहने वाली थी। उसने सेंट्रल यूनिवर्सिटी से बीए तक की पढ़ाई पूरी कर ली थी। जिसके बाद वह सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मंगला में फ्लैट लेकर रहती थी और पीएससी की तैयारी कर रही थी। उसके पिता प्राइवेट काम करते हैं। दूसरी युवती 21 वर्षीय विक्टोरिया आदित्य कोरबा जिले के दर्री थाना क्षेत्र अंतर्गत एनटीपीसी कालोनी की रहने वाली थी।

उसका परिवार मूल रूप से सक्ती जिले के जैजैपुर ब्लॉक के अंतर्गत एक गांव का रहने वाला है। उसके पिता चेतन आदित्य कोरबा में दर्री एनटीपीसी परिसर स्थित केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक है। विक्टोरिया घुरु घासीदास विश्वविद्यालय में बीए फाइनल ईयर की छात्रा थी। साथ ही वह पीएससी का कोचिंग भी कर रही थी। वह सरकंडा थाना क्षेत्र के नूतन चौक में सेंट्रल लाइब्रेरी के पास किराए का रूम लेकर रहती थी।

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इस दौरान उसकी मुलाकात याशिका से हुई थी और दोनो में दोस्ती हो गई। जबकि अभिषेक ने सीएमडी से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। पार्टियों के शौकीन होने के चलते पब डिस्को वगैरह में पार्टियों के दौरान ही समीर व अभिषेक से दोनों युवतियों की दोस्ती हुई थी। दोनों अक्सर इनके साथ पार्टी करने साथ आया करती थी।

पुलिस यह आशंका जता रही है कि, ड्राइविंग के दौरान शहनवाज खान की या तो झपकी लग गई होगी अथवा सामने से तेज रफ्तार में कोई गाड़ी आ गई होगी, जिस वजह से कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। पब से निकलने के चलते एक अंदेशा यह भी है कि वह नशे की हालत में रहा होगा।

घड़ी, चेन और कड़ा से हुई पहचान

हादसे के बाद जब मौके पर पुलिस और परिचित पहुंचे तो कार की स्थिति देख उनके पैरो तले जमीन ही खिसक गई। कार में सिर्फ लोहे का ढांचा बचा था। मृतकों के कंगाल भी सीट से बुरी तरह से छिपके हुए थे। शहनवाज की पहचान उसके गले की मोटी चेन, हाथ के कड़ा से हुई। जबकि अभिषेक की पहचान उसके हाथ की उस घड़ी से हुई, जो उसे शादी तय होने पर मिली थी।याशिका की पहचान भी उसके चेन से हुई। वहीं, लापता मानी जा रही युवती विक्टोरिया के कमरे की चाबी भी कार में मिली थी। जिससे यह आशंका जा रही थी कि वह भी कार में होगी और उसकी भी मौत हो गई होगी।

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