उत्तर बस्तर कांकेर। छत्तीसगढ़ शासन की ओर से किसानों के हित में चलाई जा रही सौर सुजला योजना से ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव हो रहा है। जिले के पहुंचविहीन एवं अविद्युतीकृत क्षेत्रों में सौर सुजला योजना के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। किसानों को खेती करने में आसानी हो रही है, जिससे किसानों के खेत लहलहाने लगे हैं और किसानों को सिंचाई के लिए परेषान नहीं होना पड़ रहा है। बिजली के अभाव में कई किसानों की ओर से डीजल पंप का इस्तेमाल कर खेतों में सिंचाई किया जा रहा था, लेकिन बीते 4 साल के भीतर डीजल के दाम बढऩे के कारण वह भी छोटे किसानों के पहुंच से बाहर हो गया, जिससे निराष होकर किसान धान का उत्पादन भगवान भरोसे कर रहे थे। अब सौर सुजला योजना से सिंचाई सुविधा मिलने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, सोलर पंप लगने से बंजर खेतों में किसान टमाटर, खीरा, लौकी, प्याज, आलू भिंडी, बैगन समेत दलहनी फसलों का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है।
विकासखंड कांकेर के ग्राम दसपुर निवासी जयंत निषाद ने अपने गांव में प्रगतिषील कृषक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। वे बताते हैं कि उन्हें अपने फसलों में सिंचाई करने के लिए बड़ी मषक्कत करनी पड़ती थी। पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण फसल का नुकसान भी झेलना पड़ता था। उन्हें लगभग 800 मीटर दूर से अस्थाई बिजली कनेक्षन के माध्यम से सिंचाई के लिए जुगाड़ करना पड़ता था, तब जाकर वे अपनी फसलों के लिए सिंचाई की व्यवस्था कर पाते थे। लेकिन अब सौर सुजला योजना के तहत सोलर पंप लग जाने से सिंचाई समस्या से छुटकारा मिल गया है और अब ड्रीप लगाकर अपने खेतों में सिंचाई कर रहे हैं। जयंत निषाद ने बताया कि लगभग 2 एकड़ के जमीन में टमाटर, मिर्च, बैगन, लौकी, भिंडी जैसी अन्य सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे लगभग 1.5 लाख रुपए की आमदनी प्राप्त हो रही है।
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