आरक्षण बिल मामले में राज्यपाल ने कहा-मार्च तक करे इंतजार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 76% आरक्षण बिल का मामले में राज्यपाल अनुसुइया उइके ने मार्च तक इंतजार करने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आरक्षण बिल का मामला उलझता ही जा रहा है। कांग्रेस शासित राज्य सरकार लगातार राजभवन पर आदिवासी हितों की अनदेखी का आरोप लगा रही है। आपको बता दें कि 2 दिसंबर को विशेष विधानसभा का सत्र बुलाए जाने के बाद से राजभवन में आरक्षण विधेयक हस्ताक्षर के बिना अटका पड़ा हुआ है। इन सबके बीच रविवार को राज्यपाल अनुसुईया उईके ने इस मामले में कहा कि अभी मार्च तक का इंतजार कीजिए।

जाहिर है कि फिलहाल राजभवन इस पूरे मुद्दे को लेकर हड़बड़ी के मूड में नहीं है। आपको बता दें कि 2 दिसंबर को राज्य सरकार ने आरक्षण विधेयक को लेकर विशेष सत्र बुलाया था, उसके बाद विधेयक को सदन से पारित किया गया।छत्तीसगढ़ में 76% आरक्षण लागू करने को लेकर विधानसभा से तो विधेयक पारित हो चुका है, लेकिन राजभवन इस मामले पर अभी भी बहुत हड़बड़ी के मूड में नहीं है।आलम यह है कि प्रदेश में नियुक्ति से लेकर, दाखिले तक की कवायद रुकी है। इन सब के बीच लगातार राज्य सरकार आरक्षण के मुद्दे पर राजभवन को घेर रही है, लेकिन राज्यपाल इन आलोचनाओं से हटकर फिलहाल कोई बहुत ज्यादा दबाव में आती नजर नहीं आ रही है।

इस बयान से स्पष्ट हो चुका कि बजट सत्र मार्च में होना है, मतलब बजट सत्र के बाद ही आरक्षण के मुद्दे पर राजभवन की तरफ से कोई निर्णय लिया जाएगा।

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