रेलवे प्रशासन द्वारा तैयार किए गए जवाबी बुक को देखकर ज्योत्सना चरणदास महंत के सांसद प्रतिनिधि हरीश परसाई भड़क उठे

बिलासपुर,18 जनवरी(वेदांत समाचार)। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल के अंतर्गत आने वाले संसदीय क्षेत्रों के सांसदों की बैठक एसई ीआर के महाप् रबंधक आलोक कुमार के साथ मंगलवार को हुई। बिलासपुर मंडल रेल प्रबंधक सभाकक्ष में हुई बैठक की अध्यक्षता जांजगी -चांपा के सांसद गुहाराम अजगल्ले ने की। बैठक से पूर्व सांसदों से मंगाए गए प्रस्तावों पर रेलवे के अधिकारी जवाब दे रहे थे।

रेलवे प्रशासन द्वारा तैयार किए गए जवाबी बुक को देखकर ज्योत्सना चरणदास महंत के सांसद प्रतिनिधि हरीश परसाई भड़क उठे, क्योंकि लगभग 95 प्रतिशत प्रस्तावों को बोर्ड तक भेजने से पहले ही जीएम और डीआरएम ने टिप्पणी लिखते हुए खारिज कर दिए थे। परसाई ने कहा कि सांसदों के प्रस्ताव पर टिप्पणी करने का अधिकार अगर है, तो इस बैठक को बुलाने की जरूरत ही नहीं थी। परसाई ने रेलवे के अधिकारियों से पूछा कि जब बोर्ड से ही मंजूरी मिलनी है, तो आप अपने स्तर पर निर्णय लेकर क्यों सुविधाओं से वंचित कर रहे हैं।

सांसद बन गए सभापति, सांसद प्रतिनिधियों ने घेरा
नियम विरुद्ध जांजगीर-चांपा के सांसद गुहाराम अजगले को बैठक का सभापति घोषित कर दिया गया था। जिसके कारण वे सांसद व उनके प्रतिनिधियों के सवालों पर टिप्पणी करते हुए रेलवे के अधिकारियों का बचाव कर रहे थे। इस बात से नाराज परसाई समेत 3 सांसद प्रतिनिधियों ने उन्हें घेरते हुए कहा कि आप सभापति नहीं, बैठक के अध्यक्ष हैं, इसलिए हमारी बातों का जवाब आप नहीं रेलवे के अधिकारी देंगे। इस पर अपना समर्थन देते हुए भाजपा के सांसद प्रतिनिधियों ने भी यात्री सुविधाओं पर जोर दिया।

सांसद प्रतिनिधियों ने कर दिया बैठक का बहिष्कार
जीएम आलोक कुमार व डीआरएम बिलासपुर प्रवीण पाण्डेय ने सांसद प्रतिनिधियों के सवालों का तार्किक जवाब नहीं दे रहे थे। जिसे लेकर बैठक के दौरान काफी गहमा गहमी का माहौल बनता रहा। हर बात पर रेलवे बोर्ड का हवाला देकर सभी मांगों को दबाने की कोशिश की जा रही है, जिस पर सांसद प्रतिनिधि हरीश परसाई, दीपेन्द्र सिंह, मोहित जायसवाल ने बैठक का बहिष्कार कर बाहर चले गए। उन्हेें बार बार बुलाया गया लेकिन वे शामिल नहीं हुए।

कोरबा-गेवरारोड के बीच ट्रेनों को चलाना संभव नहीं
बैठक के दौरान रेलवे द्वारा कोरोना के दौरान बंद सभी ट्रेनों को शुरू करने की बात कही, जिस पर परसाई ने कहा कि अगर ऐसा हो तो गेवरारोड से कोरबा के बीच चलने वाली पैसेंजर, मेमू व एक्सप्रेस ट्रेनों को क्यों बंद रखा गया है। इस पर रेलवे के अधिकारियों ने जवाब दिया कि कोरबा-गेवरारोड के बीच बंद ट्रेनों को चलाना संभव नहीं हैं। इस बात को लेकर अधिकारियों के साथ खींचतान होती रही। इस दौरान सांसद प्रतिनिधियों की तिखी प्रतिक्रिया भी रेलवे के अफसरों को झेलनी पड़ी।