रायगढ़, 17 जनवरी I कृषि विज्ञान केन्द्र, रायगढ़ द्वारा प्रदेश में पहली बार नवाचार व आवश्यकता को देखते हुए कच्ची हल्दी का अचार बनाया गया। यह नवाचार प्रदेश में प्रथम नवाचार है, स्वास्थ के प्रति लोगों की बढ़ती जागरूकता एवं मांग को ध्यान में रखते हुए। मसाला वर्गीय फसलों की वैज्ञानिक खेती अनुसंधान व प्रचार-प्रसार कार्य को आगे बढ़ाते हुए रायगढ़ कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व उद्यमिता विकास के उद्देश्य की पूर्ति हेतु कच्ची हल्दी का अचार बनाया गया। जिसे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ.गिरीश चंदेल एवं निर्देशक विस्तार सेवायें डॉ. अजय वर्मा द्वारा विशेेष जोर देते हुए इस कार्य की सराहना की व कार्य को आगे बढ़ाने हेतु दिशा-निर्देश दिया गया।
कच्ची हल्दी सूखी हल्दी की तुलना में अधिक गुणों से भरपूर है।
कच्ची हल्दी में सबसे ज्यादा एंटी बैक्टिरीयल, एंटीआक्सीडेंट, एंटीफंगल, तत्व मौजूद होते है। ये तीनों तत्व शरीर को कई रोगों से बचाए रखने में मदद करते है। साथ ही कच्ची हल्दी में विटामिन सी, विटामिन के, पोटेशियम, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्निशियम, कॉपर, जिंक, फास्फोरस, थाईमिन, राइबोफ्लेविन, जैसे पोषक तत्व पाये जाते है। ये सभी गुण रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, कैंसर से बचाव, वजन कम करने, डायबिटीज, सर्दी, खासी, गले की खरास दूर करने व पाचन शक्ति बढ़ाने में लाभदायक है। कच्ची हल्दी के अचार से लगभग 563 कैलोरी ऊर्जा, 8.8 ग्राम प्रोटीन, 23 ग्राम वसा, 2736 मिली ग्राम पोटेशियम, 3087 मि. ग्राम सोडियम प्राप्त होता है।
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