राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजनारू पटना के केदार के विकट परिस्थिति में सहारा बनी योजना

कोरिया 16 जनवरी I प्रदेश के भूमिहीन श्रमिकों, पौनी पसौरी व्यवसाय से जुड़े परिवारों को लाभ देने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना शासन द्वारा प्रारंभ की गई है, जिसके अंतर्गत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को आर्थिक मदद प्रदान कर उनकी स्थिति सुदृढ करने का कार्य किया जा रहा है। योजनांतर्गत जिले में वर्ष 2021 में 1215 और वर्ष 2022 में 1965 पात्र हितग्राहियों को राशि का अंतरण किया गया है।


राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना जिले के विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के पटना के ग्राम बड़का के केदार गिरी गोस्वामी के लिए विकट परिस्थिति का सहारा बनी है। केदार बताते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, कुछ कार्य शुरू करने के लिए पैसों की आवश्यकता थी, फिर उन्होंने राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत पंजीयन कराया और उन्हें अब तक 4 हजार रुपए प्राप्त हुए जिससे उन्होंने पेंटिंग कार्य शुरू किया। अब काम अच्छा चल रहा है। इसके लिए उन्होंने शासन को धन्यवाद दिया।वहीं पटना के ही विक्रम बताते हैं कि मेरे पास स्वयं की कोई जमीन नहीं है, पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मुझे इस योजना से काफी मदद मिली।

उन्होंने बताया कि उन्हें योजना के तहत कुल 6 हजार रुपए प्राप्त हुए जिससे वो बहुत खुश हैं। भूमिहीन कृषि मजदूर के अंतर्गत जिले के ऐसे व्यक्ति को चिन्हांकित किया गया है, जिनके पास कोई कृषि भूमि या वन अधिकार पट्टा नहीं है। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार तथा अन्य वर्ग शामिल है, जिनके पास कोई कृषि भूमि ना हो। योजना के तहत चयनित हितग्राही परिवार के मुखिया को अनुदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में डी.बी.टी. के माध्यम से प्रदान की जा रही है। उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में दी जा रही 6 हजार रुपए की राशि बढ़ाकर अब 7 हजार कर दी गई है।

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