कोरबा, 15 जनवरी । छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक समय तक शासन करने वाले कल्चुरी राजवंश की राजधानी रहे रतनपुर को पुरातत्व व पर्यटन के नक्शे पर उभारने पुरातात्विक सम्पदा और प्राचीन विरासत को सहेजने के लिए कलचुरी पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना की जाएगी। इसके लिए प्रारंभिक कवायद शुरू करते हुए कल्चुरी वैभव मंच स्थानीय नागरिकों के मध्य हस्ताक्षर अभियान चलाकर उनकी जनभावनाओं से जुड़े आवेदन पत्र प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री को सौपेंगे। शनिवार को मकर संक्रांति के पावन पर्व पर कल्चुरी वैभव मंच कनकेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में आयोजित वरिष्ठ सम्मान समारोह ( अमृत महोत्सव ) कार्य्रकम में इस पुनीत कार्य की मांग उठी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मनोज कुमार राजपूत सेंटर इंचार्ज, सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोकेमिकल्स एंड टेक्नोलॉजी कोरबा शामिल हुए। विशिष्ट अतिथि के रूप में रामगोपाल डिक्सेना महासचिव जायसवाल सर्ववर्गीय सभा छत्तीसगढ़, देवकुमार कौशिक अध्यक्ष प्रगतिशील जायसवाल (कन्नौजिया ) कलार समाज, राधेश्याम जायसवाल चेयरमैन राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली, पुरुषोत्तम पटेल प्राचार्य शा. उ. मा. वि. तुमान और महेंद्र कश्यप सचिव प्रगतिशील जायसवाल (कन्नौजिया ) कलार समाज मंचासीन रहे। मुख्य अतिथि श्री राजपूत ने अपने उद्बोधन में शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए सिपेट के रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम व इससे सम्बंधित तकनीकी शिक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कलचुरी वैभव मंच और सिपेट मिलकर ऐसे युवाओं के लिए संयुक्त टेक्निकल वर्कशॉप का आयोजन करेंगे ताकि क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अधिकाधिक लाभ मिल सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता कलचुरी वैभव मंच के अध्यक्ष पुष्कर कौशिक कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कलचुरी राजवंश छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक समय तक शासन करने वाला राजवंश है। इस राजवंश ने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। रतनपुर इस राजवंश की राजधानी रही है। इसके बाद भी यह पुरातत्व व पर्यटन के नक्शे पर उभर नहीं सका है। इसके चारों तरफ बिखरे पुरातत्व सम्पदा और प्राचीन विरासत के अवशेष को सहेजने के लिए “कलचुरी पुरातत्व संग्रहालय ” की स्थापना रतनपुर में किया जाना चाहिए। इसके लिए कलचुरी वैभव मंच स्थानीय नागरिकों के हस्ताक्षर से युक्त आवेदन पत्र प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री को सौपेंगे। मंच का संयुक्त संचालन अमृत महतो और निर्मल कौशिक ने की ।इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ कलचुरी वैभव मंच के संयोजक रमेश महतो के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने मंच के गठन और उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके बाद मंच के सचिव अमृत महतो ने मंच का वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि चन्द्रवंशी कलचुरी वंश हमारे पूर्वज हैं और हम सब उन्हीं की संतान हैं। अध्यक्ष की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने प्राचीन विरासत की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। कार्यक्रम को आधार स्तम्भ के संपादक प्रदीप महतो ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कलचुरी वैभव मंच समाज के अंतर्गत स्थापित स्वतंत्र इकाई के रूप में कार्यशील एक स्वतंत्र संगठन है जो समाज सेवा के लिए संकल्पित और कार्यशील है। कार्यक्रम में सर्वश्री दुर्गा प्रसाद महतो, ज्ञान प्रसाद कौशिक, श्रीमति रेमकुंवर महतो, निरंजन प्रसाद महतो, अम्बिका प्रसाद जायसवाल, पुरीराम महतो, काशीराम महतो, प्रेम प्रकाश कौशिक, खिलावन जायसवाल, व्यास नारायण, श्रीमती सुमित्रा देवी जायसवाल, रामेश्वर जी का स्वागत पुष्पाहार, श्रीफल व शाल व रोली चंदन का टीका लगाकर किया गया। कार्यक्रम में धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम को सफल बनाने में अमरनाथ कौशिक, कन्हैया जायसवाल, पुष्पेंद्र जायसवाल, बालगोविन्द जायसवाल, विजय जायसवाल एवं संरक्षक सदस्य हरिशंकर महतो, प्रहलाद कौशिक, युवा सचेतक कीर्ति कुमार साव, विधि सलाहकार रामकुमार कौशिक का भी महती योगदान रहा । कार्यक्रम में कनकी ग्राम के ग्रामवासी सहित तरदा, पंतोरा, सलिहाभाठा, बरपाली, भैसमा, नवागांव, अकलतरा, सकरेली, बिलासपुर, कोरबा आदि जगह के सजातीयजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन मंच के सहसचिव पुष्पेंद्र जायसवाल ने किया। उपरोक्त जानकारी मंच के सचिव अमृत महतो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर साझा की ।
प्रतिभाशाली बच्चों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम में समाज के प्रतिभाशाली बच्चों का सम्मान किया गया । लव कुमार जायसवाल बी. टेक. ट्रिपल आई.टी. भुवनेश्वर, कु. कविता जायसवाल एम.बी.बी.एस. राजनांदगाव, शुभम महतो एम.बी.ए. (आई.आई.एम. सिरमौर) हिमाचल प्रदेश, यथार्थ जायसवाल, कक्षा 10वी में 96%, अनुराग कौशिक कक्षा 10वी में 97.83% का सम्मान शील्ड प्रदान कर किया गया।
स्मारिका “अभिनंदन” का हुआ विमोचन
कार्य्रकम में मंच द्वारा प्रकाशित स्मारिका “अभिनंदन” का विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। स्मारिका में कलचुरी राजवंश, कनौजिया कलार समाज के संगठनात्मक इतिहास, रीतिरिवाज, परम्परायें, होमियोपैथी चिकित्सा, स्वच्छता व कृषि से संबंधित जानकारियों का समावेश है।
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