रायपुर, 15 जनवरी । राज्य शासन द्वारा सुबह नौ से पांच बजे की ओपीडी का चिकित्सकों ने विरोध कर दिया है। रायपुर मेडिकल कालेज में चिकित्सा शिक्षक एसोसिएशन की बैठक हुई। इसमें क्लीनिकल की जिम्मेदारी संभालने वाले चिकित्सकों ने ओपीडी की नई व्यवस्था का विरोध किया। चिकित्सकों का कहना है कि राज्य शासन के पास पर्याप्त मानव संसाधन नहीं है।
शासकीय मेडिकल कालेज के निरीक्षण के लिए पहुंची एनएमसी की केंद्रीय टीम ने 60 प्रतिशत चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए कहा है। मानव संसाधन नहीं होने की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं चौपट हो रही है, इसलिए शासन द्वारा इन कमियों को जल्द दूर करना चाहिए। बैठक में चिकित्सकों ने कहा कि ओपीडी का समय बढ़ाने से चिकित्सकों के साथ ही नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ का समय भी बढ़ेगा। मानव संसाधन की कमी की वजह ये यह संभव नजर नहीं आ रहा है। चिकित्सकों ने कहा कि हम फैसले का विरोध करते हैं और इस संबंध में शासन से मिलेंगे।
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जन कल्याण में स्वास्थ्य मंत्री ने लिया फैसला
चिकित्सा शिक्षा विभाग की बैठक में गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जनहित में फैसला लेते हुए ओपीडी की व्यवस्था में बदलाव किया है। नई व्यवस्था के तहत राज्य के सभी मेडिकल कालेज अस्पतालों में ओपीडी का समय सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे कर दिया गया है। इलाज के लिए सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक पंजीयन कराया जा सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव और स्वास्थ्य सचिव प्रसन्नाा आर. ने फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए थे।
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ओपीडी से डाक्टर नदारद
चिकित्सा शिक्षक एसोसिएशन के सदस्यों ने बैठक के दौरान माना कि ओपीडी में कुछ डाक्टर समय पर नहीं आते हैं। इनकी वजह से सभी को सुनना पड़ रहा है, इसलिए उन्होंने सभी डाक्टरों से अपील भी की कि समय पर ओपीडी का संचालन किया जाए। शासन दो पालियों में भी ओपीडी की व्यवस्था पर विचार कर सकता है।
चिकित्सा शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. अरविंद नेरल ने कहा, हम ओपीडी का समय बढ़ाने का विरोध करते हैं। नई व्यवस्था लागू करने से पहले मानव संसाधन की कमी दूर करनी चाहिए। बैठक में सभी मेडिकल कालेजों के प्रतिनिधि पहुंचे थे। हम समस्या शासन के समक्ष रखेंगे।
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