भारत के चिकित्सकीय मसालों को दी जाएगी वैश्विक पहचान : डी साथियान

नई दिल्ली ,12 जनवरी  भारत को विश्व का ‘मसाला कटोरा‘ कहा जाता है। यह कई प्रकार के गुणवत्तापूर्ण, दुर्लभ तथा चिकित्सकीय मसालों का उत्पादन करता है। भारतीय मसालों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नए अवसर पैदा करने के उद्वेश्य से, विश्व मसाला कांग्रेस (डब्ल्यूएससी) का 14वां संस्करण 16 से 18 फरवरी 2023 तक मुंबई में आयोजित किया जाएगा।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में मसाला बोर्ड के सचिव डी साथियान ने कहा कि डब्ल्यूएससी का यह संस्करण विशेष है क्योंकि यह भारत की जी20 अध्यक्षता के साथ मेल खाता है। वह आज मुंबई में आयोजित पूर्वावलोकन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह हितधारकों के लिए कोविड-19 के बाद के उद्योग के रुझानों पर चर्चा करने और भविष्य के मार्ग की रूपरेखा बनाने के लिए एक मंच उपलब्ध कराएगी। न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि नीति नियामकों के लिए भी एक मंच बनाने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में जी20 देशों के बीच मसाला व्यापार को बढ़ावा देने के लिए समर्पित व्यवसायिक सत्र होंगे।

श्री साथियान ने सूचित किया कि इस कार्यक्रम में नीति निर्माता, नियामक प्राधिकरण, मसाला व्यापार संघ, सरकारी अधिकारी तथा प्रमुख जी20 देशों के तकनीकी विशेषज्ञ भी भाग लेंगे। डब्ल्यूएससी 2023 की थीम विजन 2030 : एस-पी-आई-सी-ई-एस (सस्टेनेबिलिटी, प्रोडक्टिविटी, इनोवेशन, कोलाबोरेशन, एक्सेलेंस और सेफ्टी) होगी।

डब्ल्यूएससी के स्थल के रूप में महाराष्ट्र को चुनने के बारे में जानकारी देते हुए श्री साथियान ने कहा, महाराष्ट्र मसाला उत्पादन करने वाले अग्रणी राज्यों में से एक है। यह भारत में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक है। महाराष्ट्र दो जीआई टैग वाली हल्दी किस्मों और एक जीआई टैग वाली मिर्च किस्म का उत्पादन करता है। महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों को जीआई टैग वाले कोकम के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। यह राज्य मसालों के लिए सबसे बड़े निर्यात केंद्रों में से एक है।