घर की सुख-शांति व धन वृद्धि के लिए जरूर करें ये एक काम

हिंदू धर्म में शिव भक्तों की कमी नहीं है ऐसे में सोमवार का दिन शिव आराधना को समर्पित किया गया है इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से पूजा करते है और उपवास रखते हैं मान्यता है कि भोले बाबा की कृपा जिस पर हो जाती है.उसके जीवन के समस्त दुखों का नाश हो जाता है ऐसे में अगर आप शिव का आशीर्वाद चाहते हैं तो आज शिव अमृतवाणी का पाठ जरूर करें इसके पाठ से घर की सुख शांति और धन वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। 

श्री शिव अमृतवाणी— 

॥ भाग १ ॥
कल्पतरु पुन्यातामा,
प्रेम सुधा शिव नाम
हितकारक संजीवनी,
शिव चिंतन अविराम
पतिक पावन जैसे मधुर,
शिव रसन के घोलक
भक्ति के हंसा ही चुगे,
मोती ये अनमोल
जैसे तनिक सुहागा,
सोने को चमकाए
शिव सुमिरन से आत्मा,
अद्भुत निखरी जाये
जैसे चन्दन वृक्ष को,
डसते नहीं है नाग
शिव भक्तो के चोले को,
कभी लगे न दाग
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय !

दयानिधि भूतेश्वर,
शिव है चतुर सुजान
कण कण भीतर है बसे,
नील कंठ भगवान
चंद्रचूड के त्रिनेत्र,
उमा पति विश्वास
शरणागत के ये सदा,
काटे सकल क्लेश
शिव द्वारे प्रपंच का,
चल नहीं सकता खेल
आग और पानी का,
जैसे होता नहीं है मेल
भय भंजन नटराज है,
डमरू वाले नाथ
शिव का वंधन जो करे,
शिव है उनके साथ

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय !

लाखो अश्वमेध हो,
सौ गंगा स्नान
इनसे उत्तम है कही,
शिव चरणों का ध्यान
अलख निरंजन नाद से,
उपजे आत्मज्ञान
भटके को रास्ता मिले,
मुश्किल हो आसान
अमर गुणों की खान है,
चित शुद्धि शिव जाप
सत्संगति में बैठ कर,
करलो पश्चाताप
लिंगेश्वर के मनन से,
सिद्ध हो जाते काज
नमः शिवाय रटता जा,
शिव रखेंगे लाज

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय !

शिव चरणों को छूने से,
तन मन पावन होये
शिव के रूप अनूप की,
समता करे न कोई
महाबलि महादेव है,
महाप्रभु महाकाल
असुराणखण्डन भक्त की,
पीड़ा हरे तत्काल
सर्व व्यापी शिव भोला,
धर्म रूप सुख काज
अमर अनंता भगवंता,
जग के पालन हार
शिव करता संसार के,
शिव सृष्टि के मूल
रोम रोम शिव रमने दो,
शिव न जईओ भूल

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय !
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय !
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय !

॥ भाग २ – ३ ॥
शिव अमृत की पावन धारा,
धो देती हर कष्ट हमारा
शिव का काज सदा सुखदायी,
शिव के बिन है कौन सहायी
शिव की निसदिन कीजो भक्ति,
देंगे शिव हर भय से मुक्ति
माथे धरो शिव नाम की धुली,
टूट जायेगी यम कि सूली
शिव का साधक दुःख ना माने,
शिव को हरपल सम्मुख जाने
सौंप दी जिसने शिव को डोर,
लूटे ना उसको पांचो चोर
शिव सागर में जो जन डूबे,
संकट से वो हंस के जूझे
शिव है जिनके संगी साथी,
उन्हें ना विपदा कभी सताती
शिव भक्तन का पकडे हाथ,
शिव संतन के सदा ही साथ
शिव ने है बृह्माण्ड रचाया,
तीनो लोक है शिव कि माया
जिन पे शिव की करुणा होती,
वो कंकड़ बन जाते मोती
शिव संग तान प्रेम की जोड़ो,
शिव के चरण कभी ना छोडो
शिव में मनवा मन को रंग ले,
शिव मस्तक की रेखा बदले
शिव हर जन की नस-नस जाने,
बुरा भला वो सब पहचाने
अजर अमर है शिव अविनाशी,
शिव पूजन से कटे चौरासी
यहाँ-वहाँ शिव सर्व व्यापक,
शिव की दया के बनिये याचक
शिव को दीजो सच्ची निष्ठा,
होने न देना शिव को रुष्टा
शिव है श्रद्धा के ही भूखे,
भोग लगे चाहे रूखे-सूखे
भावना शिव को बस में करती,
प्रीत से ही तो प्रीत है बढ़ती
शिव कहते है मन से जागो,
प्रेम करो अभिमान त्यागो

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]