बिलासपुर, 07 जनवरी । छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। चीफ जस्टिस एके गोस्वामी के आदेश पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अरविंद कुमार वर्मा ने अधिसूचना जारी कर हाई कोर्ट में विभिन्न पदों पर होने वाली भर्ती के लिए 50 फीसद आरक्षण नियम को लागू कर दिया है। जारी अधिसूचना में कहा गया है कि हाई कोर्ट में होने वाली भर्ती वर्ष 2012 के आरक्षण नियम के अनुसार होगी। आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट में दायर अलग-अलग जनहित याचिका पर जब फैसला आएगा तब यह भर्ती प्रक्रिया भी कोर्ट के निर्णय से बाधित रहेगी।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इतिहास में यह पहली मर्तबा है जब हाई कोर्ट ने अपने फैसले को कोर्ट के अलग-अलग कामकाज के लिए होने वाली भर्ती प्रक्रिया में लागू करने की सख्ती दिखाई है। इस आदेश के साथ यह भी संदेश देने की कोशिश की गई है कि राज्य शासन के विभिन्न विभागों में आरक्षण रोस्टर को लेकर अटकी हुई भर्ती प्रक्रिया को वर्ष 2012 में लागू आरक्षण नियम और प्रक्रिया के अनुसार पूरी की जाए।
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हाईकोर्ट में स्टाफ कार ड्राइवर लिफ्टमैन और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के 114 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जानी है इसके लिए रजिस्ट्रार जनरल ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया 50 फ़ीसद आरक्षण के नियमों के अनुसार की जाएगी। इसी के अनुसार भर्ती के लिए रोस्टर भी जारी किया जा रहा है। हाई कोर्ट में प्रारंभ हो रही इस भर्ती प्रक्रिया से प्रदेश के विभिन्न विभागों में आरक्षण को लेकर बनी हुई संसय की स्थिति भी खत्म होगी।
आरक्षण रोस्टर को लेकर अभी विभिन्न विभागों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसके चलते भर्ती के साथ ही पदोन्नति की प्रक्रिया भी बाधित हो रही है। जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पूर्व में राज्य शासन द्वारा लागू 58 फीसद आरक्षण व्यवस्था को और संवैधानिक घोषित कर दिया था। इसी बीच राज्य सरकार ने कॉन्टिफाइबल डाटा आयोग सहित अन्य प्रक्रिया को सामने रखते हुए 76 फीसदआरक्षण प्रदेश में लागू कर दिया है।
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राज्य शासन के इस फैसले को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। 58 फीसद आरक्षण व्यवस्था को हाई कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद से ही विभिन्न भर्ती प्रक्रिया व विभागीय पदोन्नति में आरक्षण का स्वरूप क्या हो और रोस्टर के हिसाब से बनाया जाए इसे लेकर असमंजस की स्थिति के साथी अफस पशोपेश में है।
19 सितंबर को आया था फैसला
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने 19 सितंबर 2022 को 58 फीसद आरक्षण व्यवस्था को असंवैधानिक करार देते हुए पूर्व में लागू 50 फीसद आरक्षण व्यवस्था के अनुसार आगे की प्रक्रिया को प्रारंभ करने का निर्देश दिया था। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया के लिए जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया है कि वर्ष 2012 में आरक्षण के प्रविधान के संशोधन के पूर्व निर्धारित आरक्षण प्रक्रिया 50 फीसद के आधार पर जारी विज्ञापन एवं आकस्मिकता निधि के कर्मचारियों की भर्ती होगी। अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आने वाले निर्देशों से बाधित रहेगी।
कोर्ट के निर्णय से स्थिति हो रही साफ़
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के अधिसूचना के बाद प्रदेश में आरक्षण को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि इस निर्णय के बाद और हाई कोर्ट में शुरू हो रही भर्ती प्रक्रिया को उदाहरण के रूप में लेते हुए विभिन्न पदों पर आरक्षण नियमों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया को प्रारंभ की जाएगी। साथ ही विभागीय पदोन्नति को लेकर भी आरक्षण रोस्टर के अनुसार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है।
114 पदों पर हाई कोर्ट में हो रही भर्ती
पद नाम व कुल पद। वर्गवार पदों का विवरण
स्टाफ कर ड्राइवर, 10 पद। पांच अनारक्षित, एक महिला,दो अजा,दो अजजा,एक ओबीसी
लिफ्टमैन,4 पद। दो अनारक्षित,दो अजा,एक अजजा
दैनिक वेतन भोगी,100 पद। 50 अनारक्षित(दो दिव्यांग,15 महिला)16 अजा(एक दिव्यांग,छह महिला)20 अजजा( दो दिव्यांग,छह महिला),14 ओबीसी(एक दिव्यांग,चार महिला)