बेबसी का इक समंदर दूर तक फैला हुआ….और कश्ती कागजी पतवार के साये में है….

बेबसी का इक समंदर दूर तक फैला हुआ….और कश्तीकागजी
पतवार के साये में है…

शंकर पाड़े, वरिष्ठ पत्रकार रायपुर। 6 साल पहले नोटबंदी पर जो फैसला मोदी सरकार ने लिया था ,उस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है वैसे भी अब इन याचिकाओं की सुनवाई का कोई मतलब नहीं था…? क्योंकि 6 साल पहले लिये गए फैसले पर पूरे देश में अमल हो चुका है,अगर सुप्रीम कोर्ट नोटबंदी के फैसले को असंवैधानिक करार दे भी देता तो पुराने 1000 और 500 के बंद किए गये नोट फिर चलन में लाने पड़ते,जो संभव ही नहीं होता .. चूंकि भूतकाल में नहीं लौटा जा सकता तो सुप्रीम कोर्ट के पास इन 58 याचिकाओं को खारिज करने के अलावा अन्य कोई विकल्प था भी नहीं…2016 के पुराने आर्थिक फैसलों को अब नये सिरे से इसलिए भी नहीं पलटा जा सकता है

क्योंकि नए नोट न सिर्फ चलन में बल्कि बंद किए गये नोटों की तुलना में दोगुना से ज्यादा बाजार में खप चुके हैं ..इसलिए गोदी मीडिया चाहे तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुछ कहे और सत्ता पक्ष इसे अपनी जीत बता सकता है ,जो जायज भी है …? लेकिन किसी भी विधि विशेषज्ञ से अगर पूछेंगे तो वह यही कहेगा कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले में नोटबंदी को वैध ही बताने का एक मात्र अंतिम विकल्प था…अवैध बता देने पर देश में एक नया भूचाल आ जाता और नोटबंदी वाली कवायद फिर से दोहराना पड़ती जो भारत जैसे विशाल देश में किसी सूरत में संभव नहीं हो सकतीं थी… बहरहाल जो सवाल नोटबंदी के वक्त उठे थे वे आज और आगे भी कायम रहेंगे… मसलन क्या कालाधन और भ्रष्टाचार खत्म हो गया? क्या आतंकवाद से लेकर नशीले कारोबार से मुक्ति मिल गई? नगदी का चलन घट गया..?क्या विदेशों में जमा कलाधन वापस आ गया..?या ऐसे तमाम वे दावे जो नोटबंदी को सफल बताते हुए किए थे ?उनका क्या हुआ?

उत्कृष्ट सीएम और उत्कृष्ट विधायक …?

सीएम भूपेश बघेल को अभी तक अविभाजित मप्र तथा छ्ग में उत्कृष्ट विधायक नहीं बनने का मलाल है तो अविभाजित मप्र में उत्कृष्ट विधायक का सम्मान लेने वाले छ्ग विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत को सीएम नहीं बनने का दर्द…..?
दरअसल छ्ग विधानसभा में उत्कृष्टता अलंकरण समारोह में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मै पांच बार विधायक बना पर अलंकरण तक नहीं पहुंचा और संतराम नेताम दूसरी बार विधायक बने और उत्कृष्ट विधायक बन गये.. इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत की टिप्पणी से उनका दर्द फिर उभरा … हालांकि अंदाज कुछ अलग था।

उन्होंने कहा कि मुझे अविभाजित मप्र में उत्कृष्ट विधायक चुना गया था,सीएम साहब आपको उत्कृष्ट विधायक का अलंकरण नहीं मिला पर आपको उत्कृष्ट सीएम बनाया गया है जो बड़ा पुरुस्कार है, जिसके लिये हम तो तरस रहे हैं…?यहां यह बताना भी जरुरी है कि छ्ग बनने के बाद सीएम की दौड़ में डॉ चरण दास महंत भी शामिल थे पर कांग्रेस आलाकमान ने भूपेश को ही सीएम बनाया।

आरक्षण पर जारी है राजनीतिक दांवपेच….

छ्ग में आरक्षण विधेयक को लेकर प्रदेश में सत्ताधारी दल कांग्रेस और भाजपा में आरोप – प्रत्यारोप का दौर जारी है और राजभवन भी निशाने पर आ गया है।अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा सहित सामान्य वर्ग सभी 76%आरक्षण लागू होने की प्रतिक्षा कर रहे हैं…?कांग्रेस, राजभवन पर भाजपा के इशारे पर विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने, विधेयक नहीं लौटाने और राष्ट्रपति को नहीं भेजने का आरोप महारैली कर भी लगा चुकी है इधर विधानसभा में इस मामले में भाजपा ने हंगामा बरपाया था ।

आरोप- प्रत्यारोप के बीच आरक्षण के भंवरजाल में छात्र छात्राओं का प्रवेश, बेरोजगारों का भविष्य अधर में है….?जनता सोच रही है कि आरक्षण मामले में कांग्रेस, भाजपा और राजभवन के बीच उपजे विवाद से सबसे बड़ा नुकसान तो उसे ही हो रहा है।

आईपीएस पदोन्नति और लिपिकीय भूल…..

छत्तीसगढ़ में आईपीएस अफसरों की पदोन्नति सूची जारी हो गईं है।2005 बैच के आईपीएस अमरेश मिश्रा, राहुल भगत,ध्रुव गुप्ता(तीनों प्रतिनियुक्ति में) और आरिफ शेख आईजी बन गये हैँ।वर्तमान में अमरेश मिश्रा की एनआईए में पदस्थापना हैं मगर इस वक्त हायर एजुकेशन के लिए यूएस में हैं। तो राहुल भगत, डायरेक्टर सोशल सिक्यूरिटी हैं। ध्रुव गुप्ता आईबी में हैं। आरिफ शेख रायपुर में प्रभारी आईजी थे। 2009बैच के आईपीएस तथा एसएसपी अमित तुकाराम कांबले, प्रखर पांडे, मनीष शर्मा, डी रवि शंकर डीआईजी पदोन्नत हो गये हैं।

वहीं 2010 बैच के आईपीएस अभिषेक मीणा, सदानंद कुमार,गिरिजा शंकर जायसवाल, सुजीत कुमार, ऍम एल कोतवानी, अरविन्द कुजूर,शंकर लाल बघेल डीपीसी के बाद एसएसपी पदोन्नत हो गये हैं। वहीं 2010 बैच के ही दो आईपीएस ए आर अहिरे और बी पी राजभानु को लिपिकीय भूल के चलते एसएसपी पदोन्नत नहीं किया जा सका है, इनका पृथक आदेश जल्दी ही जारी होने की उम्मीद है।यहाँ यह बताना भी जरुरी है कि एसएसपी एक साल बाद डीआईजी पदोन्नत हो जाते हैँ।

अरकू वैली और विस्टाडोम रेल….

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से नागपुर तक शुरू की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के बाद छत्तीसगढ़ में एक और ट्रेन की शुरुआत की गई है जो इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही है।दरअसल छत्तीसगढ़ के बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किरंदुल से विशाखापट्टनम तक विस्टाडोम कोच की शुरुआत की है।इस विस्टाडोम कोच को पर्यटकों का अच्छा प्रतिसाद भी मिल रहा है. दरअसल करीब 60 साल पुरानी के.के रेल मार्ग में अरकू वैली, अनंतगिरी की पहाड़ी और लगभग 56 टर्नल, नदी और पहाड़ियों की खूबसूरती को विस्टाडोम कोच से देखते ही बनता है।

और अब बस..

0मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब ‘कका’ से “ददा” बन गए हैं। इस्पात नगरी भिलाई के एक निजी चिकित्सालय में उनकी बहू ने पुत्र को जन्म दिया है।
0संतकुमार नेताम छ्ग विधानसभा के उपाध्यक्ष बनाये गये हैं।
0आदिवासी अंचल में दो समुदाय में हुए धर्मान्तरण विवाद में एसपी और थानेदार घायल हो गये हैं।
0बिजली बिल का छ्ग के सरकारी विभागों का ही 1260 करोड़ बकाया है।
0छ्ग में 3 सालों में 43 हाथियों की मौत हुई है जिसमें 13 की मौत तो करेंट लगने से ही हुई।