बालोद। स्वास्थ्य विभाग में दवा, उपकरण व अन्य सामानों की खरीदी के लिए करोड़ों की वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। हालांकि फिलहाल 50 लाख रुपए की गड़बड़ी की पुष्टि जिला स्वास्थ्य विभाग ने की है। बहरहाल मास्टरमाइंड प्रभारी लिपिक को माना जा रहा है। जिन्होंने सीएमएचओ के बिना अनुमति ब्लॉक स्तर पर फंड जारी किया। नियम से सीएमएचओ की अनुमति लेना अनिवार्य है। वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के बाद आनन-फानन में सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ प्रभारी लिपिक सुरेंद्र कुमार सोनकर को स्वास्थ्य विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने निलंबित कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दवाई, उपकरण खरीदी के लिए शासन स्तर से फंड जारी होता है। इसी में हेराफेरी की गई है।
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मंगलवार को संभागीय संयुक्त संचालक की ओर से जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि कलेक्टर जनचौपाल में 29 नवंबर 2022 को आवेदक पुनेश्वर कुमार वार्ड 10 डौंडीलोहारा ने नियमित लेखा शाखा में करोड़ों की शासकीय राशि ही हेराफेरी एवं वित्तीय अनियमितता की जांच करने आवेदन किया था। जिसके बाद सीएमएचओ को आवेदन भेजा गया। जिसके बाद जांच कराई गई।
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