रायपुर,03 जनवरी । जैन धर्म की वर्तमान चौबीसी में से 20 तीर्थंकर परमात्मा का निर्वाण मोक्ष सम्मेद शिखर में हुआ है। ऐसे पवित्र तीर्थाधिराज को केन्द्र सरकार संरक्षित पवित्र तीर्थ क्षेत्र घोषित करे। इस भावना को लेकर जैन संवेदना ट्रस्ट ने सकल विश्व जैन समाज से 6 जनवरी पूर्णिमा के पावन दिवस एक करोड़ नवकार महामंत्र जाप का आव्हान किया है। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि जैन धर्म के शास्वत महामंत्र नवकार में असीम शक्ति समाहित है । 23 वे तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ जी का निर्वाण सम्मेदशिखर की उतंग चोटी पर हुआ था।
पूरे भारत में सर्वाधिक जैन मंदिर पार्श्वनाथ भगवान के हैं। पूनम के दिन पार्श्वनाथ की विशेष आराधना का दिन माना जाता है। जैन संवेदना ट्रस्ट व छत्तीसगढ़ जैन समाज ने सम्पूर्ण विश्व के जैन समाज के जिनालय ट्रस्ट, संस्थाओं व प्रत्येक जैन अनुनायियों से अनुरोध किया है कि भगवान पार्श्वनाथ का आलंबन लेकर नवकार महामंत्र की एक माला अवश्य फेरे और प्रार्थना करे कि केन्द्र व राज्य सरकार शीघ्र सम्मेदशिखर तीर्थाधिराज को पवित्र संरक्षित क्षेत्र घोषित करे।
जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि सम्मेदशिखर पारस नाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल का दर्जा देने से उस क्षेत्र की पवित्रता बाधित होगी । इको सेंसेटिव क्षेत्र घोषित होने से पहाड़ियों पर हिंसक प्रवित्तियाँ बढ़ेगी जो कि अहिंसा परमो धर्म को मानने वाले जैन समाज को कतई स्वीकार नही है। कोचर व चोपड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मांग की है कि इस विषय को शीघ्र संज्ञान में लेकर जैन तीर्थ क्षेत्रों को संरक्षण प्रदान करे। एक करोड़ नवकार मन्त्र जाप हेतु सोशल मीडिया , भारत के जैन मंदिर समितियों , संस्थाओं व विदेश में रहने वाले जैन भाई बहनों से सम्पर्क किया जा रहा है। जैन संवेदना ट्रस्ट ने भारत के जैन मतदाताओं से अपील की है सम्मेदशिखर को संरक्षित क्षेत्र घोषित होने तक सभी मतदान का बहिष्कार करे।
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